जिले में पश्चिम बंगाल से आएगा बालू, मालगाड़ी से होगी आपूर्ति
बालू की कीमत में वृद्धि को लेकर विभाग का निर्णय, दो और जिले में भी इस तरह से ही मंगाया जाएगा बालू। विभाग ने बालू के दो वर्ष पूर्व व वर्तमान कीमत का आंकड़ा भी मांगा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालू की कीमत में वृद्धि को देखते हुए इसे पश्चिम बंगाल से मंगाने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में मुजफ्फरपुर, दरभंगा व सहरसा में बालू पश्चिम बंगाल से मंगाया जाएगा। मालगाड़ी से इसकी आपूर्ति होगी। खान एवं भूतत्व विभाग की प्रधान सचिव अंशुली आर्य ने इसके लिए जिला के खनन पदाधिकारी को रेलवे के वरीय अधिकारी से समन्वय कर यार्ड के लिए जगह चयनित करने को कहा है।
जिले में पीले बालू की आपूर्ति मुख्य रूप से कोइलवर और किउल से होती रही है। खनन में कमी व दूरी के कारण बालू की कीमत काफी अधिक हो जाती है। सरकार के इस निर्णय से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
मालूम हो कि राज्य के कई जिलों में बालू की कीमत काफी बढ़ गई। आमलोगों से मिली इसकी सूचना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता जताते हुए खान व भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव को बालू की कीमत नियंत्रित करने को कहा था।
बढ़ी कीमत का भी हो रहा आकलन
प्रधान सचिव ने सभी जिले के खनन पदाधिकारियों से दो वर्ष पूर्व व वर्तमान में बालू की कीमत का आंकड़ा मांगा। ताकि, बढ़ी हुई कीमत का आकलन किया जा सके। उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि समाहर्ता स्तर से बालू की तय कीमत की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए। इसे लिए विज्ञापन भी प्रकाशित किए जाएं। अगर अधिक कीमत में बालू की बिक्री हो रही हो तो कार्रवाई की जाए।
कीमतों में इस तरह आ रहा अंतर
राज्य में जब बालू का संकट नहीं था तब यहां बालू एक हजार से 12 सौ रुपये प्रति सौ सीएफटी (घनफीट) उपलब्ध हो जाता था। रोक के बाद इसकी कीमत पांच से छह गुना अधिक हो गई। कुछ माह पूर्व से खनन में तेजी आने के बाद भी वर्तमान में इसकी कीमत चार हजार से 4500 रुपये प्रति सौ सीएफटी है।
खनन कार्यालय जीर्ण-शीर्ण, हो सकता हादसा
जिला खनन पदाधिकारी ने प्रधान सचिव को बताया कि खनन कार्यालय जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्रधान सचिव ने तत्काल कार्यालय को उप निदेशक, तिरहुत अंचल के कार्यालय में शिफ्ट करने का निर्देश दिया।