केले की खेती का हब होगा समस्तीपुर, किसानों को मिलेगा सरकारी अनुदान
Banana Cultivation in Samastipur समस्तीपुर में 100 हेक्टेयर में होगी केले की खेती उद्यान विभाग किसानों को कर रहा आकर्षित। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जी- 9 नस्ल के केले का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। उन्हें अनुदानित दर पर केले के पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
समस्तीपुर, जेएनएन। समस्तीपुर केले की खेती के हब के रूप में विकसित होगा। किसानों की झोली इसकी खेती से भरेगी। किसानों में केले की खेती का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जी- 9 नस्ल के केले का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। जिला उद्यान विभाग ने इसकी खेती के प्रति किसानों को आकर्षित करना शुरू कर दिया है। उन्हें अनुदानित दर पर केले के पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही, आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा।
विभागीय स्तर पर खेती के लिए प्रखंडवार लक्ष्य दिया गया है। इधर, पूसा कृषि विवि के वानिकी विभाग के विज्ञानियों का कहना है कि जिले की मिट्टी केले की खेती के लिए उपयुक्त है।उद्यान विभाग की पहल पर जिले में प्रत्येक वर्ष योजना बना कर किसानों से केला की खेती करायी जा रही है। इससे न केवल समस्तीपुर जिला केला उत्पादन का हब बनेगा, बल्कि केला की खेती के प्रति किसान जागरूक हो रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ कर रहे हैं।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 हेक्टेयर में होगी खेती
टीशु कल्चर क्षेत्र विकास योजना के तहत जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चालू वित्तीय वर्ष में 100 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए किसानों का आवेदन लिया जा रहा है। सहायक उद्यान निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा ही किसानों को उन्नत किस्म के जी- 9 केला हेतु पौधा उपलब्ध कराया जा रहा है। उद्यान विभाग के अनुसार जिले की मिट्टी के केले की खेती काफी उपयुक्त है। मिट्टी के परीक्षण के बाद केला की खेती की जा रही है। विभागीय स्तर पर केला की खेती के लिए प्रत्येक प्रखंड में ऐसे इलाकों को चिह्नित कर लिया गया है, जहां केला की अच्छी पैदावार होने की संभावना है।
एक हेक्टेयर में केले की खेती पर खर्च होंगे 1.25 लाख रुपये
जिला उद्यान विभाग ने इस बार जिले में 100 हेक्टेयर में केले की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। एक हेक्टेयर में केले की खेती करने के लिए 1.25 लाख रुपये की लागत खर्च आएगी। जिसके लिए संबंधित किसान को 62,500 रुपये का 50 प्रतिशत की दर से अनुदान मिलेगा। जिले में केले की खेती के लिए उन्नत प्रभेद जी-9 विकसित किया गया है। इससे किसान लागत का कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। किसानों को एक पौधा के लिए 16.75 रुपये की दर से राशि का भुगतान करना होगा।