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बालिका गृह यौन हिंसा : अवैध निर्माण के भवन में बालिका गृह को चलाने की मिल गई थी स्वीकृति

बिल्डिंग बायलॉज के खिलाफ बने मकान में बालिका गृह चलने पर उठ रहे सवाल, ब्रजेश की पैठ का ही असर कि बिना नक्शा के ही पांच वर्षों से चलता रहा शेल्टर होम।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 04:52 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 04:52 PM (IST)
बालिका गृह यौन हिंसा : अवैध निर्माण के भवन में बालिका गृह को चलाने की मिल गई थी स्वीकृति

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। साहू रोड स्थित जिस भवन में बालिका गृह का संचालन किया जा रहा था उसका निर्माण ही अवैध रूप से किया गया था। तब ऐसी स्थिति में अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि अवैध रूप से बने भवन में आखिरकार किसने बालिका गृह चलाने की स्वीकृति दी। उक्त भवन में बालिका गृह को चलाने की स्वीकृति विभागीय व प्रशासनिक रूप से कैसे दे दी गई यह जांच का विषय है। भवन तोडऩे के साथ ही यह सवाल भी खड़ा हो गया है। इसकी सच्चाई तो सही से जांच होने के बाद ही सामने आएगी।

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ब्रजेश की गहरी पैठ के कारण नहीं की गई होगी जांच

ऐसा माना जा रहा कि ब्रजेश ठाकुर की विभाग में इतनी गहरी पैठ की इस बिंदु पर जांच ही नहीं की गई होगी। वहीं बालिकाओं से यौन हिंसा का मामला सामने आने से पहले निगम ने भी कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। क्योंकि भवन के जितने हिस्से में बालिका गृह चल रहा था वह पूरा अवैध निर्माण का हिस्सा था। यह सवाल तब और गंभीर हो जाता है क्योंकि नियमित रूप से जांच के बाद भी यह मामला कभी सामने नहीं आया। इस मामले में विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मकान के किरायानामा के आधार पर ही बालिका गृह को स्वीकृति मिली होगी। 

जांच बढऩे के साथ-साथ सामने आ रही कई तरह की गड़बडिय़ां हिंसा

बालिका गृह भवन में लड़कियों के साथ यौन हिंसा मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही, कई तरह की गड़बडिय़ां भी सामने आ रहीं। सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा जिस भवन में बालिका गृह का संचालन हो रहा था उसका निर्माण बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध था। जांच में यह गड़बड़ी सामने आने के बाद नगर निगम ने गुरुवार को भवन को तोडऩे का काम शुरू कर दिया। 

बालिका गृह भवन को ध्वस्त करने पर खर्च होंगे दस लाख

बालिका गृह भवन को पूरी तरह से ध्वस्त करने में नगर निगम को दो माह से अधिक का समय लगेगा। साथ ही इसमें दस लाख रुपये से अधिक खर्च होगा। भवन को तोडऩे पर हुए खर्च की वसूली भी आरोपित ब्रजेश ठाकुर से की जाएगी। भुगतान नहीं होने पर निगम ब्रजेश की जब्त संपत्ति से हुए खर्च की वसूली करेगा।


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