Move to Jagran APP

राजद का दावा, कृषि कानून किसानों के हित में नहीं, तेज होगा आंदोलन

राजद किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा किसान व सरकार के नियंत्रण से बाहर हो जाएगी व्यवस्था। देश के तमाम मध्यवर्गीय और गरीब परिवार जो आसानी से अपना भरण-पोषण कर रहे हैं उनकी पहुंच से रोटी को दूर करने की एक साजिश है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 09:45 AM (IST)
राजद का दावा, कृषि कानून किसानों के हित में नहीं, तेज होगा आंदोलन
इससे खाने-पीने का सामान सामान्य व्यक्ति के पहुंच से बाहर हो जाएगा।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एनडीए सरकार ने जो कृषि बनाया है वह किसानों को हित में नहीं है। राजद किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध कुमार यादव ने कृषि कानून को काला कानून बताते हुए सरकार से इसे अविलंब वापस लेने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष यादव ने कहा कि यह कानून सिर्फ किसानों को क्षति नहीं पहुंचाएगी। देश के तमाम मध्यवर्गीय और गरीब परिवार जो आसानी से अपना भरण-पोषण कर रहे हैं उनकी पहुंच से रोटी को दूर करने की एक साजिश है। इससे खाने-पीने का सामान सामान्य व्यक्ति के पहुंच से बाहर हो जाएगा।

loksabha election banner

भंडारण कर महंगे दामों में बेचने का काम करेंगे

फसलों की कालाबाजारी करने वाले लोग सस्ते दामों पर उसकी खरीद और भंडारण कर महंगे दामों में बेचने का काम करेंगे। आज जो आटा 30 रुपये किलो मिल रहा है वह 60 या 90 रुपये किलो बिकेगा यह किसान या सरकार नहीं, पूंजीपति तय करेंगे। भारत के किसानों की भूमि कांट्रेक्ट फार्मिंग करने के लिए बड़े-बड़े उद्योगपति ले लेंगे। बाद में उनके साथ मनमानी करेंगे। भारत के किसान जिनकी क्रय क्षमता ठीक से कपड़ा खरीदने की नहीं है वे उद्योगपतियों से लड़ने के लिए महंगे वकील कहां से रख पाएंगे। बाद में उनकी जमीन उद्योगपति नीलाम कराकर अपना बना लेंगे।

तीनों कानूनों को वापस ले

आम लोगों से किसानों के लिए समर्थन मांगते हुए कहा कि देश के लोगों को सरकार पर दबाव देना चाहिए। ताकि, सरकार ये तीनों कानूनों को वापस लेकर किसानों की भलाई के लिए नीति बनाए। भारत सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए। किसानों की फसल का खरीद एमएसपी से कम मूल्य पर हो तो ऐसे करने वाले व्यक्ति को दण्डित करने का प्रावधान हो सरकार यह भी तय करे कि किसी भी किसान को अपनी फसलों को बेचने के लिए दर-दर की ठोकर नहीं खानी पड़े। उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। भारत में उत्पादन होने वाली फसलों को अन्य देशों से आयात करना बंद कर भारत के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार को नीति और कानून बनाने की जरुरत है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.