देश के विभिन्न नगर निकायों के प्रतिनिधि देखने पहुंचे कचरा प्रबंधन का मुजफ्फरपुर मॉडल
64 सौ छोटे-बड़े शहरों से प्रतिवर्ष पांच करोड़ टन ठोस कचरा हो रहा उत्पन्न। फोरम ऑफ सिटीज द्वारा कचरा प्रबंधन पर आयोजित किया गया सेमिनार।
By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 01:11 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 01:11 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। देश के 64 सौ छोटे-बड़े शहरों से प्रतिवर्ष पांच करोड़ टन ठोस कचरा उत्पन्न हो रहा। यही रफ्तार रही तो अगले एक दशक में बढ़कर 15 करोड़ टन हो जाएगा। उत्पादित कचरे का मात्र 25 फीसद ही निष्पादन हो रहा। शेष का निष्पादन शहरी निकायों के सामने बड़ी चुनौती है। ये बातें शुक्रवार को मुजफ्फरपुर नगर निगम की मेजबानी में आयोजित कचरा प्रबंधन पर फोरम ऑफ सिटीज की क्षेत्रीय कार्यशाला में सामने आईं।
इसमंप कचरा निष्पादन की समस्या से निपटने और उसपर मंथन के लिए बिहार समेत पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के 100 से अधिक शहरी निकायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वेस्ट मैनेजमेंट के माध्यम से वेस्ट को वेल्थ में बदलकर इस चुनौती से निपटा जा सकता।
कहा कि इस चुनौती से मुकाबले के लिए सभी शहरी निकायों को मिलकर प्रयास करना होगा। कचरा प्रबंधन के लिए तकनीक से ज्यादा सोशल इंजीनियङ्क्षरग पर बल देना होगा। राष्ट्रीय स्तर पर सिटी कंपोस्ट नीति बनानी होगी। विक्रेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल पर ध्यान देना होगा। ठोस कचरा प्रबंधन के पंचगनी, अंबिकापुर, गंगटोक, काकिंग एवं मुजफ्फरपुर शहरी निकायों के मॉडल को अपनाने के लिए शहरी निकायों को आगे आना होगा।
मुजफ्फरपुर मॉडल पर विस्तार से चर्चा
नगर विकास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल ने विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक प्रतिबंध पर राज्य सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला। महापौर सुरेश कुमार, उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला एवं नगर आयुक्त संजय दुबे ने देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कचरा प्रबंधन के मुजफ्फरपुर मॉडल पर विस्तार से चर्चा की। सीएसई के डिप्टी डायरेक्टर चंद्रभूषण ने कार्यशाला का नेतृत्व किया। संचालन सीएसई की प्रोग्राम मैनेजर स्वाति सिंह सांबियाल ने किया।
आधा दर्जन निकायों ने अपने मॉडलों से कराया अवगत
कार्यशाला के दौरान मेजबान मुजफ्फरपुर नगर निगम के अलावा अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), पंचगनी (महाराष्ट्र), मुंगेर (बिहार), गया (बिहार), गंगटोक (सिक्किम), काकचिंग (इंफाल) नगर निकायों के कचरा प्रबंधन के मॉडल का प्रदर्शन किया गया। महापौर लक्ष्मी कनाडकर ने पंचगनी हिल म्यूनिसिपल कौंसिल, सहायक नगर आयुक्त सीएस सुब्बा ने गंगटोक नगर निगम, सौरव राय ने अंबिकापुर नगर निगम, छत्तीसगढ़ की ओर से प्रस्तुति दी।
प्रतिनिधियों ने देखा कचरा प्रबंधन का मुजफ्फरपुर मॉडल
पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के 100 से अधिक नगर निकायों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कचरा प्रबंधन के मुजफ्फरपुर मॉडल को देखा। सुबह छह बजे तीन टीमों में बंटकर प्रतिनिधियों ने शहर के वार्ड दो स्थित न्यू कॉलोनी, वार्ड छह स्थित ब्रह्मपुरा मंडप गली एवं वार्ड 11 स्थित गुजराती मोहल्ले का भ्रमण किया। एट सोर्स सेग्रीगेशन एवं डोर-टू-डोर कलेक्शन की प्रणाली देखी। टीम ने नगर भवन परिसर स्थित वेस्ट प्रोसेसिंग सेंटर का भी मुआयना किया। वहां तैयार हो रही जैविक खाद की प्रणाली को देखा-समझा।
प्रोसेसिंग पिट पर महापौर सुरेश कुमार, उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला एवं निगम के अधिकतर पार्षदों ने उनका स्वागत किया। नगर आयुक्त संजय दुबे, अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद, उपनगर आयुक्त हीरा कुमारी ने प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया। प्रतिनिधियों ने भ्रमण कार्यक्रम के बाद मुजफ्फरपुर मॉडल की सराहना की।
इसमंप कचरा निष्पादन की समस्या से निपटने और उसपर मंथन के लिए बिहार समेत पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के 100 से अधिक शहरी निकायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वेस्ट मैनेजमेंट के माध्यम से वेस्ट को वेल्थ में बदलकर इस चुनौती से निपटा जा सकता।
कहा कि इस चुनौती से मुकाबले के लिए सभी शहरी निकायों को मिलकर प्रयास करना होगा। कचरा प्रबंधन के लिए तकनीक से ज्यादा सोशल इंजीनियङ्क्षरग पर बल देना होगा। राष्ट्रीय स्तर पर सिटी कंपोस्ट नीति बनानी होगी। विक्रेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल पर ध्यान देना होगा। ठोस कचरा प्रबंधन के पंचगनी, अंबिकापुर, गंगटोक, काकिंग एवं मुजफ्फरपुर शहरी निकायों के मॉडल को अपनाने के लिए शहरी निकायों को आगे आना होगा।
मुजफ्फरपुर मॉडल पर विस्तार से चर्चा
नगर विकास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल ने विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक प्रतिबंध पर राज्य सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला। महापौर सुरेश कुमार, उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला एवं नगर आयुक्त संजय दुबे ने देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कचरा प्रबंधन के मुजफ्फरपुर मॉडल पर विस्तार से चर्चा की। सीएसई के डिप्टी डायरेक्टर चंद्रभूषण ने कार्यशाला का नेतृत्व किया। संचालन सीएसई की प्रोग्राम मैनेजर स्वाति सिंह सांबियाल ने किया।
आधा दर्जन निकायों ने अपने मॉडलों से कराया अवगत
कार्यशाला के दौरान मेजबान मुजफ्फरपुर नगर निगम के अलावा अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), पंचगनी (महाराष्ट्र), मुंगेर (बिहार), गया (बिहार), गंगटोक (सिक्किम), काकचिंग (इंफाल) नगर निकायों के कचरा प्रबंधन के मॉडल का प्रदर्शन किया गया। महापौर लक्ष्मी कनाडकर ने पंचगनी हिल म्यूनिसिपल कौंसिल, सहायक नगर आयुक्त सीएस सुब्बा ने गंगटोक नगर निगम, सौरव राय ने अंबिकापुर नगर निगम, छत्तीसगढ़ की ओर से प्रस्तुति दी।
प्रतिनिधियों ने देखा कचरा प्रबंधन का मुजफ्फरपुर मॉडल
पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के 100 से अधिक नगर निकायों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कचरा प्रबंधन के मुजफ्फरपुर मॉडल को देखा। सुबह छह बजे तीन टीमों में बंटकर प्रतिनिधियों ने शहर के वार्ड दो स्थित न्यू कॉलोनी, वार्ड छह स्थित ब्रह्मपुरा मंडप गली एवं वार्ड 11 स्थित गुजराती मोहल्ले का भ्रमण किया। एट सोर्स सेग्रीगेशन एवं डोर-टू-डोर कलेक्शन की प्रणाली देखी। टीम ने नगर भवन परिसर स्थित वेस्ट प्रोसेसिंग सेंटर का भी मुआयना किया। वहां तैयार हो रही जैविक खाद की प्रणाली को देखा-समझा।
प्रोसेसिंग पिट पर महापौर सुरेश कुमार, उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला एवं निगम के अधिकतर पार्षदों ने उनका स्वागत किया। नगर आयुक्त संजय दुबे, अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद, उपनगर आयुक्त हीरा कुमारी ने प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया। प्रतिनिधियों ने भ्रमण कार्यक्रम के बाद मुजफ्फरपुर मॉडल की सराहना की।
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