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Muzaffarpur : दूसरी लहर में मुंहमांगे दामों पर बिका रेमडेसिविर, इस बार सरकारी स्टाक में उपलब्ध

Muzaffarpur कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दुकानदार भी सजग हर जरूरी दवा बाजार में उपलब्ध सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर चल रही सभी जगहों पर तैयारी कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की मुंहमांगी कीमत चुकानी पड़ी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 07:23 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 07:23 AM (IST)
Muzaffarpur : दूसरी लहर में मुंहमांगे दामों पर बिका रेमडेसिविर, इस बार सरकारी स्टाक में उपलब्ध
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर मेंं रेमडेसिविर के ल‍िए बढ़़ गई थी परेशानी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, {अमरेंद्र तिवारी} । कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों के इलाज में दवाओं की किल्लत भी सामने आई थी। रेमडेसिविर और जिंक सहित अन्य दवाओं की किल्लत रही थी। इस पर इनकी कालाबाजारी भी हुई थी। हालत यह थी कि दो हजार कीमत की दवा 20 से 25 हजार तक में बेची गई। रेमडेसिविर का हाल यह रहा कि कुछ लोगों ने तो बिना बीमारी के ही इसे खरीदकर स्टाक कर लिया। जरूरतमंदों को इसकी मुंहमांगी कीमत चुकानी पड़ी। इसी तरह जिंक, विटामिन-सी व अन्य दवाओं को लेकर भी संकट रहा। इससे सबक लेते हुए इस बार सरकारी से लेकर गैर सरकारी स्तर पर सभी जगहों पर दवा के इंतजाम हो रहे हैं।

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बिहार ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय संयुक्त सचिव दिलीप जलान ने कहा कि पिछली बार बीमारी के साथ लोगों के मन में भय था। इस बार कहीं भी दवा की कमी नहीं है। फिलहाल सभी दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डा.बीएस झा ने कहा कि उनके यहां अभी कोरोना वार्ड है और इलाज की व्यवस्था है। हालांकि अब मरीज नहीं आ रहे हैैं। उनके यहां रेमडेसिविर की चार हजार वायल उपलब्ध हंै। सरकार की ओर से जो गाइडलाइन आएगी उसके मुताबिक दवाएं रहेंगी। तिलक मैदान रोड के इंडिया एसोसिएटेड एजेंसीज के संचालक रमण जलान ने बताया कि विटामिन सी, ङ्क्षजक सहित अन्य दवाएं उनके पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। अब कोरेाना के मरीज नहीं है, लेकिन पिछले अनुभव के आधार पर दवाओं का स्टाक है।

  • पिछली बार ये रहा हाल

  •  कोरोना से संबंधित दवाओं की जमकर हुई कालाबाजारी। वसूली गई मनमानी कीमत।
  •  निजी अस्पतालों में इलाज कराने व होम आइसोलेशन वाले कोरोना की कई दवाओं की करते रहे मांग। महंगी कीमत पर भी खरीदते रहे दवाएं।
  •  दवा की कालाबाजारी पर सरकार की सख्ती के बाद सिविल सर्जन स्तर पर निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले को दिया गया रेमडेसिविर। 1299 से लेकर 3490 रुपये तक रही कीमत। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वाले को दिया गया मुफ्त।
  •  सरकारी की ओर से होम आइसोलेशन पर रहने वाले को मुफ्त में गाइडलाइन के मुताबिक मल्टी विटामिन, परासिटामोल आदि दवाओं की पोटली पहुंचाई गई घर तक।

    इस बार ये की गई है व्यवस्था

  •  अभी सदर अस्पताल के सेंट्रल दवा गोदाम में रेमडेसिविर 650 अदद और एसकेएमसीएच में चार हजार उपलब्ध।
  •  विटामिन, ङ्क्षजक, विटामिन-सी व अन्य जरूरी दवाएं और इंजेक्शन भी सरकारी दवा भंडार में उपलब्ध हैैं।
  • बाजार में भी जरूरी दवाओं और इंजेक्शन की किल्लत नहीं है।
  • आनलाइन आर्डर कर सरकार के स्टाक से निजी अस्पताल संचालक मंगा पाएंगे जरूरी दवाएं।

    - कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इस बार जो जरूरी दवाओं की पिछली बार आवश्यकता पड़ी थी वे सभी उपलब्ध हैैं। अभी कोरोना के मरीज नहीं हैैं। इनके आने के बाद जरूरत के मुताबिक दवाओं की खरीद कर उपलब्ध कराई जाएंगी। - डा.विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन


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