किराड़ी अग्निकांड: छह माह गांव में रह कर दिल्ली गए थे राम चंद्र झा, आग में हुआ सबकुछ राख
बाहरी दिल्ली के किराड़ी इलाके में दो मंजिला मकान में आग लग गई। इसमें खजौली थाना क्षेत्र व कलुआही प्रखंड के बाबूपाली गांव निवासी रामचंद्र झा पत्नी व बहू समेत चार की मौत हो गई।
मधुबनी, जेएनएन। बड़े पुत्र की कैंसर से पिछले वर्ष मौत ने राम चंद्र झा व उनके परिवार को बड़ा दर्द दिया था। इस दर्द को कम करने के लिए राम चंद्र झा पत्नी सुधिया देवी के साथ इस वर्ष मई में दिल्ली से कलुआही प्रखंड के बाबूपाली गांव आ गए थे। यहां करीब छह माह रहने के बाद वे सपरिवार 30 नवंबर को वापस दिल्ली चले गए थे। मगर, होनी को कुछ और मंजूर था।
रविवार देर रात दिल्ली के किराड़ी स्थित मकान में लगी आग ने इस परिवार का सबकुछ राख कर दिया। एक झटके में रामचंद्र झा, पत्नी व बहू समेत चार की मौत हो गई। वहीं इस मकान में किराएदार के रूप में रहने वाले दरभंगा के मनीगाछी के लगमा गांव के उदय चौधरी की पत्नी व तीन बच्चे इस आग की भेंट चढ़ गए।
बाबूपाली गांव के रामपुर टोल में राम चंद्र झा के घर पर ताला लगा है। पांच भाइयों में सबसे बड़े राम चंद्र झा करीब 25 वर्षों से दिल्ली में ही रह रहे। अन्य सभी भाई भी वहींं रहते हैं। यहां मकान व जमीन की देखभाल करने वाला रंजीत पासवान यह कहते हुए फफक पड़ा कि यहां से जाते समय चाचा कह रहे थे, ‘जाइ के मन नै को रहल बौआ’। काश वे यहां कुछ दिन और रह जाते। पांच दिन पहले सभी से रंजीत की बात हुई थी। सबकुछ तो ठीक था। मगर, आज सबकुछ खत्म हो गया।
प्रिटिंग प्रेस से काम छोड़कर चले गए थे दिल्ली
राम चंद्र झा शहर के तिरहुत कॉलोनी में जय हिंद प्रिटिंग प्रेस में काम करते थे। यहां करीब उन्होंने सात वर्ष काम किया। यह प्रेस वर्ष 2000 में बंद हुआ। मगर, इससे पहले ही वे 1990 के दशक के शुरुआती वर्ष में काम छोड़ दिया था। क्योंकि यहां ऑफसेट मशीन आ गई थी। वे इसपर काम नहीं कर पा रहे थे। उनके साथ यहां काम करने वाले लाल झा, बिलट गरेड़ी, सुरेंद्र झा आदि ने कहा कि वे बेहद मिलनसार आदमी थे। दिल्ली से जब भी वे यहां आते साथियों को जरूर याद करते थे। उनका इस तरह से चले जाने का यकीन किन्हीं को नहीं हो रहा है।
दरभंगा के एक की परिवार के पांच लोगों की मौत से लगमा में मातम
दिल्ली के किराड़ी इलाके में तीन मंजिला इमारत में लगी आग में प्रखंड के लगमा गांव के एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। इससे गांव में कोहराम मच गया। मृतकों में उदय चौधरी, उनकी पत्नी मुस्कान चौधरी, बड़ी बेटी अंजली कुमारी, बेटा आदर्श कुमार व छह महीने की बेटी तुलसी कुमारी हैं।
गांव में रह रहे उनके चचेरे भाई राघव चौधरी ने कहा कि सोमवार सुबह चचेरे भाई व दिल्ली में रह रहे उदय चौधरी के बड़े भाई विजय चौधरी ने फोन पर सूचना दी। तब हमने गांव के लोगों को जानकारी दी। उदय चौधरी परिवार के साथ 15 वर्ष से दिल्ली में रह कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। साधारण परिवार से आने वाले उदय चौधरी प्राइवेट नौकरी करते थे। घटना से छह माह पूर्व ही पुत्र के मुंडन संस्कार में गांव आए थे। दिल्ली के किराड़ी में किराए के मकान में तीसरी मंजिल पर रहते थे। दूसरी मंजिल पर मकान मालिक व नीचे में कपड़े गोदाम था। उदय चौधरी के स्वजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार दिल्ली में होगा। श्राद्धकर्म हरिद्वार में करने की सूचना है।
यह हुई पूरी घटना :
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