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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्यशैली से राजभवन नाराज

संयुक्त सचिव ने निर्देशों का पालन नहीं करने पर भेजा कड़ा पत्र। विश्वविद्यालय को रिपोर्ट भेजने के लिए आज तक की मोहलत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 10:20 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 06:40 AM (IST)
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्यशैली से राजभवन नाराज
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्यशैली से राजभवन नाराज

दरभंगा, जेएनएन। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सर्वनारायण झा अपने व विश्वविद्यालय के कार्यों से भले ही संतुष्ट हों, लेकिन राजभवन नाराज है। राजभवन के संयुक्त सचिव विजय कुमार के 28 फरवरी के पत्र से यह स्पष्ट होता है। संस्कृत विवि राजभवन के निर्देशों को लेकर उदासीन बना हुआ है। इसे लेकर संयुक्त सचिव ने कुलपति के नाम कड़ा पत्र भेजा है।

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 राजभवन से जारी निर्देशों के विवि स्तर पर अनुपालन की समीक्षा में यह पाया गया कि संस्कृत विश्वविद्यालय या तो राजभवन के निर्देशों को पालन करने में फेल रहा या फिर अनुपालन की रिपोर्ट अब तक नहीं भेजी गई है। संयुक्त सचिव ने कुलपति से पांच मार्च तक अनुपालन प्रतिवेदन भेजने को कहा है। यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि ऐसा नहीं होता तो छह से आठ मार्च के बीच राजभवन सचिवालय से ओएसडी संजय कुमार निर्देशों के अनुपालन से संबंधित सूचनाएं लेने के लिए विश्वविद्यालय धमक सकते हैं।

 चिठ्ठी के जानकार इसे विश्वविद्यालय में राजभवन का 'सर्जिकल स्ट्राइकÓ मान रहे हैं। राजभवन के इस पत्र से विवि मुख्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, इस बाबत पूछने पर विवि के कुलसचिव कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया।

 इससे पूर्व प्रधान सचिव ने 18 फरवरी को कुलपति को पत्र भेजा था, जिसमें कॉलेजों के नैक मूल्यांकन की स्थिति पर आपत्ति जताते हुए कुलपति की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। हालांकि, कुलपति ने उस पत्र को फर्जी कहा था। लेकिन सच्चाई यह है कि उस पत्र के आने के बाद विवि मुख्यालय में हड़कंप मच गया था और प्राचार्यों को ताबड़तोड़ निर्देश जारी किए गए।

 पत्र में कहा गया कि 14 दिसंबर 2018 को राजभवन में राज्यपाल की अध्यक्षता में कुलपतियों की बैठक हुई थी। इसी क्रम में विश्वविद्यालयों के प्रतिकुलपति, कुलसचिव, कॉलेज इंस्पेक्टर, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ भी बैठकें हुईं। इनमें कई अहम निर्णय लिए गए, जिसकी सूचना विश्वविद्यालय को दी गई। उन निर्णयों के अनुसार विश्वविद्यालय को राजभवन के निर्देशों का अनुपालन करना था।

इन बिंदुओं पर राजभवन ने मांगा जवाब

1. कॉलेजों का नैक मूल्यांकन समय सीमा में

2. यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम का अनुपालन

3. बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का इंस्टॉलेशन एवं शिक्षक-कर्मियों की उपस्थिति की मॉनीटङ्क्षरग

4. स्नातक तृतीय खंड का रिजल्ट सात फरवरी से पूर्व प्रकाशित करने

5. कॉलेजों के निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं को दूर करने

6. हायर एजुकेशन के ब्लू प्रिंट पर सुझाव व प्रतिक्रिया देने

7. बीएड पोस्ट एप पर फोटो अपलोड करने व मॉनीटरिंग

8. पेंशन अदालत का नियमित आयोजन एवं सेवांत लाभ के बकाया का भुगतान

 दरभंगा कासंद संस्कृत विवि के कुलसचिव नवीन कुमार ने कहा कि 'प्रशासनिक मामले हैं, चिठ्ठियां आती रहती हैं। प्रशासनिक तरीके से इनका निपटारा होता है। राजभवन ने हमें पत्र भेजा है, इसे लेकर क्या चल रहा है, यह बताना जरूरी नहीं। आपको कॉलेजों में जाकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए।


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