पवन की मौत पर सवाल, रात के अंधेरे में राशन पहुंचाने की क्यों आई नौबत
पिछले माह मोतीपुर के मनोज कुंवर की भी भूख जनित बीमारी से हो गई थी मौत। स्थानीय डीलर नहीं देते राशन, चलती है डीलरों की मनमर्जी..
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पिछले माह बरूराज थाना क्षेत्र के बिरहिमा निवासी मनोज कुंवर की मौत भूख जनित बीमारी से हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि स्थानीय डीलर राशन नहीं देते। शनिवार को कुढऩी प्रखंड की महंत मनियारी पंचायत के पवन वर्मा की मौत के बाद भी उनके भाई ने कमोबेश यही आरोप लगाए। इस मौत पर अधिक हाय-तौबा न मचे, रात के अंधेरे में दो बोरियों में राशन घर भेज दिए गए। मगर, इतना तो भेद खुल गया कि पवन को राशन नहीं मिल रहा था। वहीं आपूर्ति व्यवस्था में गड़बड़ी भी सामने आ गई। जबकि अभी प्रशासन की ओर से लगातार व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए जा रहे। डीएम मो. सोहैल लगातार मॉनीटरिंग करवा रहे।
कार्रवाई नहीं होने से गड़बड़ी जारी
जिला आपूर्ति कार्यालय से जिले के करीब सात दर्जन डीलरों पर कार्रवाई के लिए दोनों अनुमंडल कार्यालयों को लिखा गया था। मगर, इसमें से कुछ पर ही कार्रवाई हुई। जबकि इन डीलरों के खिलाफ जांच में गड़बड़ी के साक्ष्य भी थे। यही कारण है कि डीलरों की मनमर्जी ही चलती। अगर कार्रवाई की गति तेज हो तो निश्चित रूप से रात के अंधेरे में किसी मृतक के घर राशन पहुंचाने की नौबत नहीं आती। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के लाभुक तो पर्व-त्योहारों पर राशन मिल जाने से संतोष कर लेते हैं। वे यह मानते हैं कि इतना भी मिल गया तो कम नहीं।
राजद प्रतिनिधिमंडल ने की मृतक के परिजन से मुलाकात
कुढऩी प्रखंड के महंत मनियारी में पवन कुमार वर्मा की भूख जनित बीमारी से मौत की खबर मिलते ही राजद प्रतिनिधिमंडल मृतक के घर पहुंचा। राजद जिलाध्यक्ष मिथिलेश यादव ने मृतक के भाई अशोक कुमार वर्मा को 3500 रुपये दिए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे इस मामले को जिला प्रशासन के समक्ष रखेंगे व आपदा प्रबंधन से भी मांग करेंगे। इस दौरान राजद प्रखंड अध्यक्ष सुधीर यादव, धर्मेंद्र यादव, खुर्शीद आलम, प्रदीप राय, अवधेश सहनी आदि मौजूद थे। उधर, विधायक केदार प्रसाद गुप्ता भी मृतक के परिजन से मिले व सरकारी सहयोग दिलाने की बात कही। बता दें कि पवन कुमार वर्मा की मौत आर्थिक तंगी व भूख जनित बीमारी से शुक्रवार को हो गई थी। मुखिया ने मृतक के परिजन को कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि दी। जबकि डीलर रविन्द्र कुमार चौधरी ने रात के अंधेरे में दो बोरी अनाज मृतक के घर पहुंचाया। पंचायत व प्रखंड से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई थी।