वोकेशनल कोर्स में एक हजार रुपये शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव
आइएमसी की 22 अप्रैल को बैठक का प्रमुख एजेंडा। बीसीए कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। बीसीए कोर्स में सर्वाधिक मांग सीट बढ़ाने का भी प्रस्ताव।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में संचालित वोकेशनल कोर्स के शुल्क में एक हजार रुपये की वृद्धि की जा सकती है। 22 अप्रैल को आंतरिक अनुश्रवण प्रकोष्ठ (आइएमसी) की बैठक में इसपर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण एजेंडों पर भी इस बैठक में निर्णय लिए जाएंगे। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के 39 अंगीभूत कॉलेजों में से 31 कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स चल रहे हैं। विगत सात आठ सालों में परंपरागत कोर्स की तुलना में वोकेशनल कोर्स में एडमिशन की मांग बढ़ी है। हालांकि, जिस अनुपात में कोर्स की मांग है, उस अनुपात में कॉलेजों में फैकल्टी की सुविधा नहीं है। सरकार के प्रावधान के अनुसार सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस के तहत चलते हैं।
वोकेशनल कोर्स के शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव
कॉलेजों में कोर्स संचालन में बढ़ते खर्च को देखते हुए इस बार आइएमसी की बैठक में वोकेशनल कोर्स के शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव है। जानकारी के मुताबिक प्रति कोर्स में एडमिशन फीस में दस फीसद या एक हजार रुपये दोनों में जो कम होगा, वही लागू होगा। इस पर विचार कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सर्वाधिक मांग बीसीए कोर्स की
भले ही दो दर्जन कोर्स संचालित हैं लेकिन, सर्वाधिक मांग बीबीए और बीसीए में है। किसी भी कॉलेज में औसतन आधा दर्जन कोर्स चलते हैं। सभी में ये दोनों कोर्स अवश्य चलते हैं। एमडीडीएम की प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने बताया कि उनके यहां पांच कोर्स बीबीए, बीसीए, सीएनडी, आइएमबी आदि हैं। इसमें इंडस्ट्रियल माइक्रो बायलॉजी विषय महत्वपूर्ण और कम ही कॉलेजों में है। प्रवेश सत्र शुरू होने जा रहा है। इस दौरान बीसीए और बीबीए में प्रवेश की मांग सर्वाधिक हो रही है।
कोर्स का प्रारूप बदलेगा
विश्वविद्यालय की मंशा तो सभी दो दर्जन वोकेशनल कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की है। लेकिन, तत्काल बैचलर ऑफ कम्प्यूटर अप्लीकेशन के स्नातक तीन साल के कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। यह आइएमसी की बैठक का प्रमुख एजेंडा है।
इन पर भी होगी चर्चा
वोकेशनल कोर्स में जिनकी मांग अधिक है, उसके सीटों को बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। इसके लिए सरकार को पत्र लिखकर अनुमति मांगी जाएगी। इसके अलावा सरकार को भेजी गई रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी जिसमें कोर्स वार फैकल्टी शिक्षक, छात्रों की संख्या व आधारभूत संरचना की स्थिति पर भी चर्चा होगी।