प्रदूषित जल से बर्बाद हो रही फसल, बीमार हो रहे लोग
मैं मुशहरी प्रखंड की कन्हौली विशुनदत्त पंचायत हूं।
मुजफ्फरपुर। मैं मुशहरी प्रखंड की कन्हौली विशुनदत्त पंचायत हूं। मेरी गोद में करीब 25 हजार लोग रहते हैं। बावजूद विकास के नाम पर मुझे तीन भागों में बांट कर मेरी शक्ति क्षीण कर दी गई है। सबसे दुखद बात है कि शहर से निकलने वाले प्रदूषित जल के कारण मेरी गोद में रहने वाले लोग दिन प्रतिदिन बीमार होकर असमय काल कवलित हो जाते हैं। वहीं, बेला औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाली प्रदूषित हवा के कारण फसल भी बर्बाद हो रही है। पंचायत के एक छोर से दूसरे छोर की दूरी करीब 12-15 किमी है। इससे भी लोगों को परेशानी होती है। वार्ड 11, 12, 13 एवं 14 पुलिस लाइन से उत्तर है। बीच में नगर निगम क्षेत्र, फिर दक्षिण धीरन छपरा में वार्ड 7, 8, 9 के बाद बेला औद्योगिक क्षेत्र, फिर दिघरा रामपुर शाह व दिघरा पट्टी जो एनएच 28 के दक्षिण तक है। इसी सब समस्याओं के लिए कन्हौली विशुनदत्त पंचायत के धीरन छपरा में लोगों की चौपाल लगी जिसमें मौजूद लोगों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। लोगों का कहना था कि बेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित चर्म उद्योग एवं अन्य उद्योग से प्रदूषित जल निकलता है जिसका प्रवाह दिघरा रामपुर शाह एवं दिघरा पट्टी में आकर खेत में लगी फसल को बर्बाद करता है। इसके अलावा इस प्रदूषित जल से चर्म रोग के अलावा कई तरह की बीमारी फैलती है। इसस कारण प्रतिवर्ष लोग अपनी बहुमूल्य जान गंवाते हैं। लोगों ने कहा कि बियाडा प्रदूषित जल अपने क्षेत्र में ही संग्रह करे। नहीं तो प्रदूषित पानी का ट्रीटमेंट करे। अगर ऐसा नहीं होगा तो गांव व पंचायत के लोग उक्त जल को अपने क्षेत्र में आने नहीं देंगे।
क्लिंकर की समस्या : नारायणपुर यार्ड में सीमेंट में प्रयोग होने वाली इस वस्तु को यहां उतार कर नेपाल तक ले जाया जाता है। उससे भी बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलता है जिसपर रोक लगाना आवश्यक है। यहां रैक प्वाइंट कभी खाली ही नहीं रहता है जिस कारण अन्य निर्माण सामग्री यहां आ नहीं पाती है। रेल प्रशासन या अधिकारी इन समस्याओं को जानकर भी अनजान बने हुए हैं। कन्हौली में बूढ़ी गंडक बांध जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है जिसकी मरम्मत के साथ उसपर सड़क निर्माण जरूरी है। इससे पंचायत के लोगों की आवागमन की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो सकेगा। यह पंचायत आगामी माह में खुले में शौच से मुक्ति हो जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में अंचल कार्यालय के नकारात्मक रवैये के कारण कुछ लोग उक्त योजना के लाभ से वंचित हैं। इनके बसने के लिए जमीन नहीं है जिन्हें बासगीत पर्चा मिलना चाहिए।
चौपाल में शामिल लोग : वीरेंद्र पासवान, मो. शाहिद, मोहन पासवान, मो. जब्बार, मो.नूर हसन, राकेश साह, रामबाबू पासवान, मो. नाजीर, चिंटू कुमार, राजन सिंह, श्यामबाबू पासवान, राधेकृष्ण सहनी, मिट्ठु पासवान, गोपाल पंडित, मो. सुभान, मो. मैमूदिन, गुड्डू सहनी, रामझरी देवी, भरथी पासवान, पुष्पा कुमारी, मो. एलाही, अब्दुल जब्बार, संजय चौधरी, मो.ईरशाद, संजीदा खातून, रंजू देवी, रीता देवी, गूंजा देवी, अनिता देवी, ललिता देवी, रूबी खातून, मुनिया देवी, गंगिया देवी आदि शामिल हैं ।
पंचायत एक नजर में
राजस्व गांव : 4
आंगनबाड़ी : 10
उच्च विद्यालय 01
मध्य विद्यालय : 3
प्रावि 3
सामुदायिक भवन 4
आबादी 25 हजार
मतदाता 6200
कई बार बियाडा अधिकारियों से लेकर आयुक्त, डीएम तक लिखित शिकायत की, लेकिन प्रदूषित जल का प्रवाह नहीं रोका गया। क्लींकर के लिए सोनपुर डीआरएम से लेकर रेलवे अधिकारियों से लिखित शिकयत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगले माह पंचायत ओडीएफ हो जाएगी। पंचायत में कार्यरत सभी कर्मी एक से अधिक पंचायत के प्रभार में है जिससे विकास प्रभावित होता है।
ब्रजमोहन तिवारी उर्फ लालबाबू तिवारी, मुखिया।