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वर्षो बाद भी नहीं मिला संपर्क पथ, न थाने को भवन

मैं मड़वन प्रखंड की करजाडीह पंचायत हूं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 10:00 AM (IST)
वर्षो बाद भी नहीं मिला संपर्क पथ, न थाने को भवन

मुजफ्फरपुर। मैं मड़वन प्रखंड की करजाडीह पंचायत हूं। कदाने नदी के तट पर बसी प्रखंड की सबसे पुरानी पंचायत में से एक हूं। कभी मैं किराना सामान के जिले के बडे़ व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित थी, मगर समय के साथ यह काफी छोटा हो गया। अब भी मेरी गोद में थाना व मां मनोकामना का मंदिर अवस्थित है। मगर, काफी दुखी रहती हूं कि 39 वर्षो बाद भी थाने को एक अदद भवन नसीब नहीं हुआ। आज भी यह किराये के जर्जर भवन में संचालित हो रहा है जिसका एक ईट रोज टूटकर बिखर रहा है। इसमे काम करने वाले अधिकारी व पुलिसकर्मी किसी तरह अपनी जान जोखिम डाल काम करने को विवश हैं। पंचायत में एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र है जो रखरखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। साथ हीं व्यवस्था की कमी व डॉक्टर के समय से नहीं रहने से मरीजों को पीएचसी या निजी चिकित्सक का सहारा लेना पड़ता है। सरकार की घोषणा के बावजूद वार्ड पांच व 14 की अनुसूचित जाति बस्ती को अबतक संपर्क पथ नहीं मिल पाया।ं जबकि सत्तारुढ़ पार्टी जदयू के पंचायत अध्यक्ष अशोक भगत मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। साथ हीं बीपीएल कनेक्शन के बावजूद तार- पोल के अभाव में आज भी लालटेन युग में जीने को विवश हैं। प्रखंड का एकमात्र पशु चिकित्सालय एक छोटे से सामुदायिक भवन में चलने को विवश है, जबकि इसके लिए जमीन चिन्हित कर एनओसी भी दिया जा चुका है। चौपाल में बैठे लोगों ने एक स्वर से कहा कि सरकार शुद्ध पेयजल के लिए जल-नल योजना पर जोर-शोर से कार्य कर रही है। वहीं 10 वर्ष पहले बना जलमीनार शोभा की वस्तु बना हुआ है। आजतक इस जलमीनार से एक बूंद भी पानी नहीं निकला, जबकि इसपर बहाल कर्मी कागज पर हीं वेतन उठा रहे हैं। लोगों ने कहा कि पंचायत 2007-2008 में निर्मल घोषित हुआ मगर करजा चौक पर एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं बन पाया। इस कारण चौक पर गाड़ी पकड़ने के लिए आनेवाली महिला यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का आरोप था कि पंचायत को अधिकारियों द्वारा जबरन ओडीएफ घोषित करने का कुचक्र रचा गया जबकि पंचायत के आधा लोगों ने अब तक शौचालय नहीं बनाया। वहीं जिन लोगों ने शौचालय बना भी लिया उनमें से आधे को अबतक राशि नहीं मिली। किसानों ने बताया कि वर्षा के अभाव में धान की फसल सूख रही है। पंचायत में चार नलकूप है मगर एक भी चालू हालत में नहीं जिससे किसान पटवन नहीं कर पा रहे हैं। रही सही कसर नीलगाय, घोड़परास व वनैया सुअर पूरी करते हैं। अब तो इनसे फसल बचाना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना था कि जिन गरीबों को पूर्व में इंदिरा आवास का लाभ मिला व किसी कारण घर नहीं बना पाए या टूट गया, उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाए। वहीं पंचायत में ऐसे सौ से अधिक भूमिहीन हैं जिन्हें अबतक बासगीत पर्चा नहीं मिला। लोगों ने राशन-केरोसिन समय से नहीं मिलने का मामला उठाया। वहीं राशन कार्ड के लिए आवेदन देने के बावजूद कार्ड नहीं देने का भी मामला उठाया। वहीं वोटर लिस्ट की गड़बड़ी के कारण सैकड़ों वृद्ध पेंशन से वंचित हैं। लोगों ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित जाति टोला में मात्र दो शिक्षक होने से पठन- पाठन में व्यवधान आता है। अन्य विद्यालय में भी शिक्षक होने के बाद भी पठन पाठन का स्तर काफी निम्न है तो कहीं शिक्षक हीं समय से नहीं आते। लोगों ने करजा मस्जिद से मध्य विद्यालय करजा तक की जर्जर सड़क व ध्वस्त नाला की समस्या उठाई। शहीद सुनील पथ की जर्जरता का भी मामला उठाते हुए तुरंत मरम्मत की मांग की गई।

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पंचायत एक नजर

आबादी- 12 हजार

वोटर- 8600

विद्यालय- सात

आंगनबाड़ी केंद्र- 9

एपीएचसी -एक,

उपस्वास्थ्य केंद- दो

सड़क एक दर्जन

जलमीनार-एक।

चौपाल में हुए शामिल : पंसस सुशील कुमार, जदयू पंचायत अध्यक्ष अशोक भगत, कैलाश राम, राजकुमार सिंह, नित्यानंद सिंह, प्रमोद सहनी, रामशरण सहनी, दिनेश राम, रामलाल राम, सुखारी राम, शंभू राम, अशोक राम, अरविंद कुमार, राजू महतो, शंकर राम, प्रमोद कुमार, हरि राम, रंजीत राम, संजीत कुमार, मुन्ना राम, लालीे देवी, सुखिया देवी, संगीता देवी, दिलीप महतो, सुनीता देवी, बबिता देवी। मैंने मात्र ढाई साल के कार्य काल में चार सड़क पीसीसी, दो सड़क ईट सोलिंग, नाला निर्माण कराया। वहीं 178 गरीबों को पीएम आवास व 35 को पेंशन स्वीकृत कराई। अब जल नल योजना का कार्य युद्धस्तर पर करा रही हूं। अपने कार्यकाल में सभी गरीबों को पक्का मकान, सभी सड़कों का पक्की करण, पंचायत को खुले में शौच से मुक्त कराने, पंचायत सरकार भवन,थाना भवन व पशु चिकित्सालय के भवन के लिए प्रयासरत हूं।

शोभा कुमारी, मुखिया


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