मुजफ्फरपुर में कॉलेज से लेकर अस्पताल तक भरा पानी, बढ़ी सभी की परेशानी Muzaffarpur News
जीएनएम स्कूल के प्राचार्य कार्यालय से क्लास रूम तक पहुंच गया बारिश का पानी। प्रशिक्षु परिचारिका छात्रावास छोड़ नए छात्रावास में शिफ्ट।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल से लेकर परिसर स्थित जीएनएम स्कूल व छात्र-छात्राओं के छात्रावास में बारिश का पानी पहुंच गया। यही नहीं डॉट्स केंद्र, मैक्नाइज्ड लॉड्री, पुराने अस्पताल के प्रशिक्षु छात्रा के छात्रावास, नर्सिंग स्टाफ के आवास, एनाटोमी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी एवं फिजियोलॉजी विभाग से प्राचार्य प्रकोष्ठ के पास तक पानी भर गया। इससे सभी मेडिकल, पारामेडिकल एवं प्रशिक्षु परिचारिका का वर्ग तक स्थगित कर दिया गया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके शाही एवं जीएनएम स्कूल की प्राचार्य रेखा प्रसाद ने सभी जगह का निरीक्षण किया। इसके बाद पुराने छात्रावास में रहनेवाली 69 छात्राओं को नए छात्रावास में भेजा गया।
छात्रावास में निकला सांप
प्रशिक्षु परिचारिका के छात्रावास में अचानक कई सांप पानी के बाहर निकलते देख छात्राएं भयभीत हो गईं। इसके बाद कुछ देर तक उन्होंने अपने कमरे से सामान लाने जाने से भी इन्कार कर दिया। काफी देर बाद सभी छात्राएं एकजुट होकर सामान कमरे से निकालकर नए छात्रावास में गईं।
कॉलेजकर्मी पानी में पकड़ते रहे मछली
एसकेएमसीएच में बारिश के पानी में मछलियां दिखाई दीं। इस पर कॉलेज के कई कर्मियों ने अपनी वर्दी उतारकर घंटों मछली पकड़ते रहे। पुराने अस्पताल में डॉट्स केंद्र पर पानी के बीच कुर्सी पर बैठे चिकित्सक मरीजों का इलाज करते रहे। इस दौरान अहियापुर बथना, पटियासा समेत कई जगह के मरीज पहुंचे थे। इन्होंने बताया कि दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है। शुक्रवार को दवा समाप्त हो गई। इसलिए बारिश में आना पड़ा। एसकेएमसीएच परिसर स्थित बी ब्लॉक चिकित्सक आवास के छज्जा का प्लास्टर अचानक गिर गया। जोरदार आवाज से आवास में रहने वाले चिकित्सक व परिवार के अन्य सदस्य सहम गए।
मरीजों की बढ़ी रही परेशानी
कॉलेज के पैथोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी विभाग के लैब के साथ यक्ष्मा पीडि़त मरीजों को जांच में काफी परेशानी उठानी पड़ी। इन विभागों में पानी भरा होने से मरीजों को वहां पहुंचने में काफी दिक्कत हुई। कई मरीज बगैर जांच कराए लौट गए। पोस्टमार्टम कक्ष के पास चौतरफा बारिश का पानी जमा हो गया। इससे कक्ष में आने-जाने में कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्य में भी कठिनाई हुई।