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आरटीई कैंप में बीईओ के नहीं रहने पर निजी स्कूल संचालकों ने किया हंगामा

जिला स्कूल में बुधवार को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में हुए नामांकन के एवज मिलने वाली रकम के लिए मांगे गए कागजात जमा करने को आयोजित शिक्षा विभाग के शिविर में कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर निजी स्कूल संचालकों ने जमकर हंगामा किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 03:19 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 06:12 AM (IST)
आरटीई कैंप में बीईओ के नहीं रहने पर निजी स्कूल संचालकों ने किया हंगामा

मुजफ्फरपुर। जिला स्कूल में बुधवार को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में हुए नामांकन के एवज मिलने वाली रकम के लिए मांगे गए कागजात जमा करने को आयोजित शिक्षा विभाग के शिविर में कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर निजी स्कूल संचालकों ने जमकर हंगामा किया।

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हंगामा कर रहे निजी स्कूल संचालकों का कहना था कि शिविर में मड़वन और बोचहां बीईओ बीच में ही उठ कर चली गई। इसके कारण आरटीई के कागजात जमा नहीं हो सके।

वहीं स्कूल संचालकों का कहना था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 30 जून का 10 बिंदुओं पर कागजात मांगे गए थे। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 25 फीसद नामांकित बीपीएल बच्चों की सूची उपलब्ध कराने का पत्र जारी किया गया था। बुधवार को उसी मुताबिक कागजात लेकर स्कूल संचालक पहुंचे थे। लेकिन शिविर में उनसे 20 बिंदुओं पर कागजात मांगा जाने लगा।

इधर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि कोई परेशानी की बात नहीं है। मड़वन बीईओ के समक्ष कुछ निजी विद्यालय संचालकों द्वारा हंगामा किया गया। इसको लेकर वे शिविर से उठ कर चली गई। उन्होंने कहा कि आरटीई संबंधित जिन लोगों के कागजात जमा नहीं हुए हैं, वे हमारे कार्यालय में जमा कर दें। उन्होंने कहा कि, समिति में डीईओ, डीपीओ और जिला प्रशासन की ओर से अपर नगर आयुक्त प्रतिनिधि हैं। सभी पदाधिकारियों के निर्णय से ही आरटीई के पैसे निर्गत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 97 एफिलिएटेड स्कूल संचालकों को बुलाया गया था। इसमें 50 लोगों ने कागजात जमा किए हैं। बीईओ के बदले बीआरसी ने की जांच : शिविर में जिले के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया था। इनमें कुछ ही पहुंचे। बीईओ के बदले बीआरसी को बैठा दिया गया था। इसके कारण कई स्कूलों से आए आरटीई के कागजातं पर दस्तखत नहीं हो सके। डीईओ के लेटर में सत्र 2014 से 2019 तक के कागजात मांगे गए थे। लेकिन शिविर में 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 के ही कागजात जमा किए गए। इसको लेकर निजी स्कूल संचालकों में भारी असंतोष है।


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