Coronavirus मरीजों का इलाज करने से कतरा रहे निजी अस्पताल, प्रशासन कर रहा कार्रवाई की तैयारी
बोले डीएम प्रशासन की बात नहीं मानने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहे निजी अस्पताल। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस संदर्भ में की बैठक।
दरभंगा, जेएनएन। जिला प्रशासन की ओर से शहरी क्षेत्र के आठ निजी नर्सिंग होम का चयन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किया गया था। लेकिन, अबतक इन अस्पतालों में से एक भी केस रेफर नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से अधिकांश निजी अस्पताल के संचालकों ने कोरोना मरीजों का इलाज करने से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसको लेकर 25 जुलाई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठक भी रखी गई। लेकिन, कोई निष्कर्ष नहीं निकला। जल्द ही आइएमए का शिष्टमंडल जिलाधिकारी से इस मामले को लेकर मुलाकात कर सकता है।
कर्मचारियों ने संस्थान को बाय-बाय किया
संचालकों की मानें तो कोई भी निजी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए फिट नहीं है। डीएम की ओर से पत्र जारी होने के बाद कई कर्मचारियों ने संस्थान को बाय-बाय कर दिया है। इन दिनों यहां मरीजों की संख्या भी काफी कम हो गई है। कुछ निजी नर्सिंग होम के बंद होने की खबर भी आ रही है। इस संबंध में पूछने पर डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि जिन नर्सिंग होम का चयन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किया गया है, यदि वे इन्कार करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा नहीं है कि केवल दरभंगा में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम को चिह्नित किया गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तर्ज पर कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
इन नर्सिंग होम का किया गया था चयन
1. पारस ग्लोबल हॉस्पीटल
2. यूरो स्टोन रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड
3. आरबी मेमोरियल
4. आईबी स्मृति आरोग्य सदन्र
5. फरिदिया हॉस्पीटल
6. रोज द मेडसिटी एंड आइभीएफ रिसर्च सेंटर
7. सिटी हॉस्पीटल
8. जोगिंदर मेमोरियल हॉस्पीटल