बिहार और बिहारीपन को नई ऊर्जा दे गए राष्ट्रपति
बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन ने दिए कई संदेश। यहां की धरती व देश के प्रथम राष्ट्रपति को नमन किया।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। यूं तो राज्यपाल के रूप में रामनाथ कोविंद यहां पहले भी आ चुके हैं। मगर पहली बार बतौर राष्ट्रपति उनके आगमन ने कई संदेश दिए। उन्होंने बिहार और बिहारीपन को नई ऊर्जा दी। यहां की धरती व देश के प्रथम राष्ट्रपति को नमन किया। संबोधन के दौरान विभूतियों को याद किया। वहीं, प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को याद करते हुए कहा कि यहां आकर सहजता से उनकी स्मृति जीवंत हो जाती है। उनसे प्रेरणा लेने की अपील की। छठ पर्व को स्वच्छता अभियान से जोड़ा। वहीं, छठ के वैश्विक रूप का श्रेय बिहार को दिया।
अब कुलाध्यक्ष के रूप में आया हूं
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार का राज्यपाल होने के नाते कृषि विवि का कुलाधिपति था। इस वजह से यहां आयोजित एक दीक्षा समारोह में शामिल होने का अवसर मिला। आज राष्ट्रपति होने के नाते केंद्रीय कृषि विवि के कुलाध्यक्ष के रूप में आपके समक्ष हूं। यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है। सूचना मिली है कि केंद्रीय विवि बनने के बाद यहां छात्राओं की संख्या चालीस फीसद तक पहुंच गई है।
किसान और कृषि वैज्ञानिकों पर गर्व
राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बचपन बीता और प्रारंभिक शिक्षा भी हुई। इसलिए खेत और किसान से जुड़े समारोह में भाग लेकर खुशी मिलती है। देश के किसान व कृषि वैज्ञानिकों पर काफी गर्व है। आज वे खाद्य सुरक्षा से आगे पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। हम कृषि उत्पादों का निर्यात कर विदेशी मुद्रा भी अर्जित कर रहे हैं।
समस्तीपुर की धरती बेहद उपज वाली
राष्ट्रपति ने कहा कि समस्तीपुर की धरती बेहद उपज वाली रही है। यहां के मेहनती किसानों की अलग पहचान रही है। इस वजह से यहां वर्ष 1905 में देश के पहले आधुनिक कृषि संस्थान (इम्पीरियल एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीटयूट पूसा) की स्थापना हुई। जनवरी 1934 के प्रलयंकारी भूकंप के बाद वर्ष 1935 में इस संस्थान को नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया। वर्ष 1970 में यहां कृषि विवि की स्थापना हुई। जो आज केंद्रीय विवि बन चुका है।