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मुजफ्फरपुर में मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशपर्व, अखंड पाठ, भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर में सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशपर्व मनाया गया। इसमें रमना स्थित गुरूद्वारे में अखंड पाठ भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 07:56 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में  मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशपर्व, अखंड पाठ, भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय Muzaffarpur News
मुजफ्फरपुर में मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशपर्व, अखंड पाठ, भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। 'जब-जब होत अरिस्ट अपारा, तब-तब देह धरत अवतारा...' गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशपर्व पर रमना स्थित गुरुद्वारा में उनके इस उपदेश को बताया गया जिसमें उन्होंने कहा कि जब-जब धर्म का ह्रास होकर अत्याचार, अन्याय, हिंसा और आतंक के कारण मानवता खतरे में होती है तब-तब भगवान दुष्टों का नाश और धर्म की रक्षा करने के लिए इस भूतल पर अवतरित होते हैं। प्रकाशपर्व के अवसर पर सबसे पहले अखंड पाठ का समापन हुआ। उसके बाद महिला जत्था मंजीत कौर गांधी, नेहा कौर समेत कई ने भजन कर संगत को निहाल कर दिया। रागी जत्था सरदार रविंद्र सिंह ने कीर्तन किया।

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 इसके साथ ही पटना से आए रागी जत्था ने भी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह एक ऐसे महापुरुष थे जो उस युग की बर्बर शक्तियों का नाश करने के लिए अवतरित हुए। वे सत्य, न्याय, सदाचार, निर्भीकता, दृढ़ता, त्याग एवं साहस की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपनी स्वतंत्रता और अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी।

 सरदार गुरजीत सिंह साई जी ने कहा कि उन्होंने सिख सैनिकों को सैनिक वेश में दीक्षित किया। वैशाखी वाले दिन गुरु जी ने केशगढ़ साहिब आनंदपुर में पंच पियारों द्वारा तैयार किया हुआ अमृत सबको पिलाकर खालसा को ऊर्जा दी। युुद्ध की प्रत्येक स्थिति में सदा तैयार रहने के लिए उन्होंने सिखों के लिए केश, कंघा, कच्छा, कड़ा एवं कृपाण  धारण करने को कहा। 

 प्रकाशपर्व के अवसर पर कोषाध्यक्ष सरदार पंजाब सिंह, सरदार सतेंद्र पाल सिंह, जितेंद्र सिंह, सतेंद्र पाल कौर, जसवीर कौर, गुरमीत कौर आदि मौजूद थे। 


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