नहीं चलेगी वोट की राजनीति, नीति बदले नहीं तो बदल देंगे सरकार
एससी/ एसटी कानून के विरोध में आहूत भारत बंद का जिले में मिलाजुला असर रहा।
मुजफ्फरपुर। एससी/ एसटी कानून के विरोध में आहूत भारत बंद का जिले में मिलाजुला असर रहा। ऐसी उम्मीद नहीं थी कि बंद का कुछ खास असर देखने को मिलेगा। लेकिन दिन चढ़ने के साथ साथ बंद समर्थकों का हुजूम चौक-चौराहों पर इकट्ठा होने लगा। भरी दोपहरी में मुख्यालय सहित अन्य चौक चौराहों पर उक्त कानून के विरुद्ध लोग सड़क पर उतर आए। इस दौरान कहीं टायर जलाकर आगजनी की गई कहीं सड़क जाम का सिलसिला प्रारंभ हो गया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई इस दौरान प्रदर्शनकारी उक्त कानून को काला कानून करार देते हुए इसे वापस लेने की जोरदार मांग करते रहे। कहा कि यह कानून बिल्कुल ही अव्यवहारिक एवं समाज को बांटने वाला है। सरकार इस कानून के सहारे अपने वोट की राजनीति साधना चाहती है। जिला मुख्यालय के जीरो माइल चौक पर विभिन्न समाज के लोग बड़ी संख्या में जमा हुए जहां टायर जलाकर शिवहर- सीतामढ़ी एन एच 104 को बाइक खड़ी कर अवरुद्ध कर दिया। इस दौरान प्रतिनियुक्त पुलिस बल किनारे खड़े मूकदर्शक बने रहे। वहीं प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। यही मंजर फतहपुर में देखने को मिला जहां ब्रिलियंट को¨चग के समीप एनएच 104 पर टायर जलाकर आवागमन अवरुद्ध किया गया फलत: दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। उधर लालगढ़ चौक के समीप सड़क जाम कर प्रदर्शनकारियों ने कानून के खिलाफ गुस्से का इजहार किया। इधर शिवहर- मुजफ्फरपुर पथ में कुशहर चौक पर भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। उसके आगे जगदीशपुर मोड़ सलेमपुर चौक के समीप करनी सेना के दीनबंधु ¨सह के नेतृत्व में युवाओं ने सड़क जाम कर बबाल काटा। वहीं सरकार को चेताया कि नीति बदलो नहीं तो सरकार बदल जाएगी। मौके पर अरुण कुमार ¨सह, पवन ¨सह सहित बड़ी संख्या में युवक एवं ग्रामीण साथ थे। वहीं तरियानी चौक पर भी विभिन्न सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रुप से एससी- एसटी कानून का विरोध किया। वहीं शिवहर - मोतिहारी पथ स्थित पिपराही चौक पर प्रदर्शनकारियों के समूह ने सरकार की इस नीति का जमकर विरोध किया टायर जलाकर सड़क जाम करने से आवागमन प्रभावित हुआ। - पुलिस की दिखी मुस्तैदी गुरुवार को आहूत भारत बंद को लेकर जिला प्रशासन द्वारा अग्रिम सावधानी बरतते हुए सभी चौक चौराहों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने ऐसा कोई उपद्रव नहीं किया कि पुलिस को सख्त होने का मौका मिले। घंटा दो घंटे बाद स्वत: बंद खुलता चला गया। अपराह्न चार बजे के करीब जन जीवन बिल्कुल सामान्य हो गया।
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