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विद्यालय को बनाया मदिरालय, होली के लिए मंगाई गई थी शराब की भारी खेप

पश्चिम चंपारण के शिकारपुर के सुगौली नवनिर्मित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में किया गया था भंडारण पहले से ही यहां होता रहा कारोबार।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:35 AM (IST)
विद्यालय को बनाया मदिरालय, होली के लिए मंगाई गई थी शराब की भारी खेप

बेतिया, जेएनएन। जिस सरकारी विद्यालय में बच्चों में ज्ञान भरने का काम होना चाहिए वहां पर शराब का भंडारण किया गया था। स्‍कूल को  मदिरालय बना दिया गया था। यह मामला पश्चिम चंपारण के शिकारपुर के सुगौली नवनिर्मित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में किया गया था। शराब का भंडारण होली को लेकर किया गया था। भारी मात्रा में शराब की खेप मंगाई गई थी और इसे उपरोक्त विद्यालय में रखा गया था। बरामद कार्टन की संख्या 330 थी।

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    पुलिस को यह सफलता ऐसे नहीं मिली। एक जगह छापेमारी में पुलिस ने दो शराब के धंधेबाजों को पकड़ा तो उन्होंने विद्यालय में भारी मात्रा में शराब के रखे जाने की बात बता दी। यह विद्यालय सुनसान जगह पर स्थित है। जिन धंधेबाजों को पुलिस ने पकड़ा वे सुगौली गांव निवासी सुरेश चौधरी और डोमा पासवान है। इनकी सूचना के बाद पुलिस उक्त विद्यालय पहुंची तो शराब का खेप देखकर हैरान रह गई।

    स्कूल के दो कमरों में कुल 330 कार्टन शराब रखा हुआ था। इस मामले में मुख्य कारोबारी समेत तीन-चार लोगों के नाम का खुलासा पुलिस नहीं कर रही है। शराब के धंधे में एक बड़े रैकेट का खुलासा हो गया है। थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा ने बताया कि पुलिस का यह अभियान चलता रहेगा।

शिकारपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

व्यवस्था को दुरुस्त करने, अपराध पर अंकुश लगाने और सरकार के महत्वाकांक्षी निर्णय को धरातल पर उतारने के लिए यदि ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ पहल हो, तो कामयाबी मिली तय होती है। शिकारपुर पुलिस ने ऐसी ही एक कामयाबी सरकार द्वारा प्रतिबंधित शराब के मामले में हासिल की है। बेतिया पुलिस कप्तान के निर्देश पर शिकारपुर थाना के हाल ही में कमान संभाले थानाध्यक्ष उग्र नाथ झा ने पहले न केवल शराब के दो धंधेबाजों को अपने कब्जे में लिया तो यह सफलता मिली। 

रात के अंधेरे में आते-जाते दिख रहे थे लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई माह से यह धंधा चल रहा था। यदा कदा लोग रात के अंधेरे में उधर आते जाते दिख रहे थे। बावजूद इसके मामला पकड़ में नहीं आया और शिकारपुर थाना की व्यवस्था बदलते ही शराब के धंधे में संलिप्त इस बड़े रैकेट का खुलासा हो गया।

   गांव से लेकर शहर तक इस बात की भी चर्चा है कि पिछले छह सात महीनों में मानों शराब पर कार्यवाही के प्रति पुलिस सो गई हो। उल्लेखनीय यह कि हरियाणा में यह शराब बिहार में प्रवेश करते ही कई थानों से गुजर कर यहां कैसे पहुंच गई?  


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