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घर के आंगन में पिता ने देखा बेटी को खिलखिलाते, अचानक गायब हुई तो चली गई सारी खुशियां

टूट रही माता-पिता की आस, बिटिया बिन जिंदगी इनकी निराश हो गई है, तीन माह पूर्व मझौली इलाके से किशोरी का हुआ था अपहरण।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:07 AM (IST)
घर के आंगन में पिता ने देखा बेटी को खिलखिलाते, अचानक गायब हुई तो चली गई सारी खुशियां

मुजफ्फरपुर [बाबुल दीप]। एक पिता ने 13 साल तक अपनी बिटिया को घर-आंगन में खिलखिलाते देखा। मां ने उसकी हर जिद पूरी की। एक दिन वह अचानक गायब हो जाती है। घर की सारी खुशियां चली जाती हैं। यह पीड़ा है कि सदर थाना क्षेत्र के मझौली इलाके के एक दंपती की। 13 साल की उनकी लाडली का अक्टूबर में अपहरण कर लिया गया। उसकी अब तक बरामदगी नहीं हुई। पिता कहते हैं कि अब उसके लौटने की आस टूटने लगी है। उसके बिना जिंदगी निराश हो गई है। कोई भी मदद को तैयार नहीं। कहां जाएं, क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा।

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दो आरोपित भेजे गए थे जेल

पीडि़त पिता ने सदर थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पड़ोस के एक दंपती को आरोपित बनाया था। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जमानत पर आरोपित बाहर निकले और इलाका छोड़ कहीं चले गए। इतना सब हुआ, लेकिन किशोरी बरामद नहीं हुई। पुलिस ने भी नामजद आरोपितों को जेल भेजकर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर ली।

मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला

सभी वरीय अधिकारियों और थाने का चक्कर काट चंदन थक-हार चुके हैं। कहीं से उम्मीद की किरण नहीं दिखी तो मुख्यमंत्री के जनता दरबार पहुंचे। दिसंबर में आवेदन देकर मुख्यमंत्री से कार्रवाई और पुत्री की बरामदगी की गुहार लगाई।

डीजीपी का आदेश भी ताक पर

डीजीपी को भी पीडि़त ने आवेदन देकर पूरे मामले से अवगत कराया। उन्होंने एसएसपी और संबंधित थाने को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया। लेकिन, सदर थाने की पुलिस ने इसे ताक पर रख दिया और चुपचाप सो गई।

केस के आइओ तक का पता नहीं

कांड की पुरानी आइओ महिला दारोगा सुनीता कुमारी थीं। उनका तबादला हुए एक माह से अधिक हो गया। लेकिन, आलम यह है कि पीडि़त को ये तक नहीं बताया जा रहा कि केस के नए आइओ कौन हैं? कहते हैं कि तत्कालीन आइओ के तबादले के बाद किसी को यह केस ही नहीं दिया गया होगा। पीडि़त दंपती पुत्री की तस्वीर लेकर भटक रहे। वे अनहोनी की आशंका जता रहे।

खेलने के लिए निकली थी किशोरी, नहीं लौटी घर 

गत साल 16 अक्टूबर को किशोरी खेलने के लिए निकली थी। वह घर नहीं लौटी। पिता ने खोजबीन की तो लोगों ने बताया कि उसके पड़ोसी बच्ची को लेकर जा रहा था। पता करते-करते आरोपित के पारू देवरिया स्थित ससुराल तक पहुंचे। वहां के लोगों ने भी बच्ची को देखने की पुष्टि की।

    स्थानीय पुलिस के पास गए तो सदर थाने का मामला बताकर भगा दिया गया था। सदर थानाध्यक्ष सुनील कुमार रजक ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। पीडि़त ने मुलाकात कर घटना से अवगत कराया है। इस कांड की फाइल को देखकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।


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