कई वर्ष गुजरने के बाद भी, नहीं ढूंढ सकी खुद के लुटे हथियार
कई वर्ष गुजरने के बाद भी पुलिस उन हथियारों का सुराग नहीं ढूंढ़ सकी, जो अपराधियों ने लूट लिए थे।
मुजफ्फरपुर । कई वर्ष गुजरने के बाद भी पुलिस उन हथियारों का सुराग नहीं ढूंढ़ सकी, जो अपराधियों ने लूट लिए थे। इनमें कुछ वर्ष 2000 से पूर्व के तो कुछ 2007 में लूटे गए थे। पुलिस अपने इन हथियारों को ढूंढ़ना ही भूल गई है। बीएमपी, रेल पुलिस व जिला पुलिस बल से ये हथियार विभिन्न घटनाओं के दौरान अपराधियों ने लूट लिए थे। उसके बाद से कई आइजी, डीआइजी व एसएसपी जैसे अधिकारी आए और गए, मगर हथियारों की बरामदगी नहीं हुई।
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बीएमपी नॉर्थ रेंज से लूटे गए 15 हथियार : बीएमपी-6 रेंज के कटरा पहसौल पिकेट से एसएलआर के अलावा कटरा से आठ हथियार लूटे गए। इनमें एक स्टेनगन, एक नाइन एमएम कारबाइन व पांच एसएलआर हैं। मिठनपुरा इलाके से एक एसएलआर, नाइन एमएम पिस्टल, एक इंसास व चार एके-47 राइफलें लूटी गई थीं। लूट की ये घटनाएं 2000 से 2006 के बीच हुई। कटरा व मिठनपुरा थाने में मामला दर्ज है।
शिवहर व सीतामढ़ी से 12 हथियारों की लूट
शिवहर के पिपराही से 6 राइफलें व सीतामढ़ी के बैरगनिया प्रखंड से 6 राइफलें 2001 से 2005 के बीच लूटी गई। इनका सुराग भी नहीं मिला।
रेल पुलिस से भी 13 आर्म्स लूटे
मुजफ्फरपुर रेल जोन में भी 13 हथियार लूटे गए थे। इनमें एक एसएलआर व अन्य राइफलें थीं। 2003 से 2007 के बीच लूट की ये घटनाएं विभिन्न रेल पुलिस थानों में दर्ज हैं।
बगहा से भी छह हथियार लूटे गए
बगहा में भी बथवरिया से एक व गोबरहिया से पांच आर्म्स लूटे गए, जिनमें दो राइफलें व चार अन्य हथियार थे। 2000 से 2004 के बीच हुई लूट की ये घटनाएं दोनों थाने में दर्ज हैं।
मोतिहारी से चार व रक्सौल से एक-एक हथियार की लूट
मोतिहारी के मधुबन अंचल से 2005 में चार तथा रक्सौल से 2003 में एक राइफल की लूट हुई थी।
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लूट के 15 हथियार ही हुए बरामद
मुजफ्फरपुर में 2012 में लूटे गए हथियारों में से 9 बरामद कर लिए गए। इनमें एके-56, नाइन एमएम पिस्टल, कारबाइन, रिवाल्वर समेत प्वाइंट थ्री जीरो थ्री कैटेगरी के हथियार थे। शिवहर के पिपराही से दो व सीतामढ़ी के रीगा व मेजरगंज से लूटे गए 6 हथियार बरामद किए जा चुके हैं।
तिरहुत रेंज, डीआइजी, अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 'संबंधित पुलिस अधीक्षकों को हथियार लूट की इन घटनाओं की जांच की स्थिति के बारे में बताने के लिए कहा जाएगा। इन हथियारों के बारे में खोज खबर ली जानी चाहिए। निश्चय ही यह चिंताजनक स्थिति है।'