भीषण गर्मी से लोग परेशान,बढ़ रही बीमारियां
मुजफ्फरपुर। समस्तीपुर, इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। आसमान से मानो आग बरस रही हो। रात में भी उमस का
मुजफ्फरपुर। समस्तीपुर, इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। आसमान से मानो आग बरस रही हो। रात में भी उमस कायम है। उमस भड़ी गर्मी के चलते लोग परेशान हैं। मौसम का बदला रुख देखकर जहां लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही है। इस कारण इस चिलचिलाती धूप में लोग घरों से निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। सुबह के 11 बजते-बजते सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है और लोग अपने घरों में कैद हो जा रहे हैं। चिलचिलाती धूप की तपिश बढ़ती जा रही है। पूरे शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी को देखते हुए लोग ¨चतित हैं। कड़ी धूप के कारण लोग सुबह या शाम को सफर करना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। गर्मी से बचने के लिए बाजार में नए-नए सामान खाने-पीने के लिए उपलब्ध है, जो बीमारियों का घर बने हुआ है। चिकित्सकों का कहना है कि धूप में जब भी बाहर निकले तो पूरे शरीर को ढककर रखें। गर्मी से पहुंचने के बाद तत्काल ठंडे पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। अन्यथा बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसके अलावा गर्मियों में खाना अक्सर दूषित हो जाता है और ऐसा खाना खाने से प्राय: गैस्ट्रोएन्टराइटिस हो जाता है। हो सकता है प्रभावित व्यक्ति को डायरिया भी जो जाए। डॉक्टर की राय गर्मी से बचाव को बच्चों की करें विशेष देखभाल
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार कंचन ने बताया कि गर्मी से बचाव को लेकर घर व बाहर बच्चों की सेहत की विशेष देखभाल की जरूरत है। उन्हें धूप में ज्यादा नहीं निकलने दें। खेलकर आने के बाद तुरंत पानी पीने को नहीं दें। फ्रिज का ठंडा पानी देने में भी परहेज करें। बाहर निकलने पर सिर को टोपी या रूमाल से जरूर ढक लें। उन्होंने कहा कि घर में ग्लूकोज, ओआरएस व नीबू आदि जरूर रखें। बीमार होने पर चिकित्सक की सलाह पर ही दवाई देनी चाहिए। गुनगुने पानी से करना चाहिए गरारा
ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. सैयद मेराज इमाम का कहना है कि रात्रि को सोने से पहले गुनगुने पानी से गरारे करने चाहिए। अस्थमा के रोगी धूल से अपना बचाव करें और धूप में चलने के बाद जब घर पहुंचे, तो तुरंत ठंडा पानी न पीएं। खासकर फ्रिज का पानी पीने से परहेज करें। गर्मी सीजन के बीच इन दिनों चल रही धूल भरी हवाएं लोगों की आंखों व गले पर बुरा असर डाल रही है। धूल, मिट्टी व गर्मी से लोगों की आंखों व गले में संक्रमण होने की शिकायतें सामने आ रही है। वायरस और वैक्टीरिया दोनों है सक्रिय
फिजिशियन डॉ. बरुण कुंड्डू ने बताया कि पसीना ज्यादा निकलने से शरीर में सोडियम की कमी हो जा रही है और चक्कर व कमजोरी की शिकायत काफी आ रही है। नमी भरी गर्मी में वायरस और वैक्टीरिया दोनों सक्रिय हो गए हैं, जिसके चलते वायरल बुखार, जुकाम, डायरिया, हीट स्ट्रोक के मरीजों की तादाद अचानक बढ़ गई है। नमी पाकर मच्छर भी काफी बढ़ गए है, इससे मलेरिया और चिकन पॉक्स के मरीज बढ़ गए हैं।
लापरवाही से जा सकती है आंख की रोशनी
गर्मी तेज पड़ने लगी है इसके साथ ही तापमान परवान चढ़ने लगा है। पारा 40 डिग्री सेलसियस के करीब पहुंच गया है। शरीर झुलसाने वाली हवाएं चल रही है। तेज धूप, गर्मी व लू के साथ-साथ उड़ती धूल आख का दुश्मन बन गया है। बच्चे, बूढ़े व जवान सभी एलर्जिक व बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित होने लगे हैं। अस्पताल दिखाने पहुंच रहे अधिकाश बच्चे एलर्जिक कंजेक्टिवाइटिस के शिकार हैं। साथ ही बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस के मरीज भी आने शुरू हो गए हैं। अत्यधिक गर्मी को देखते हुए बहुमूल्य आंख की देखभाल जरूरी है। घर से बाहर निकलने के साथ ही धूप के साथ-साथ धूल कण आंखों को नुकसान पहुंचाता है। इसके बचाव के लिए ओजोन आयुर्वेदिक का आइटिस आई ड्राप आंख में डालना चाहिए। इसमें गुलाबजल के साथ 14 आयुर्वेदिक जड़ी बूटी रहती है। इसमें मधु, हरीद्रा, निम्बा, विभित्की, अम्लकी, तुलसी पत्र, श्वेत चंदन, रक्त चंदन, पुदीना, यमनी, एला, भृगराज, फिटकरी जैसे महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक मिश्रण शामिल है। डा. बीपी राय के मुताबिक 2 बूंद सुबह- शाम डालने से आंखों की साफ-सफाई एवं विजन बढ़ता है। गर्मी को देखते हुए आंखों की देखभाल बहुत ही जरूरी है। आंखों के बचाव के लिए ओजोन आयुर्वेदिक का आइटिस आई ड्राप आंख में डालना चाहिए। इससे आंखों को राहत मिलती है। बचाव के उपाय
- आखों का सही ढंग से देखभाल करें
- वातावरण में होने वाले परिवर्तन से करें परहेज
- धूल व गर्म हवाओं से बचाव करें
- धूप चश्मे का प्रयोग करें
- घर आने पर आखों को ठंडे पानी से धोएं
- साफ रूमाल में बर्फ के टुकड़ों को लपेट कर बन्द आखों पर रखें