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Railway Encroachment : यहां रेल पुल के समीप ट्रैक किनारे एक दशक से झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे लोग

Railway Encroachment समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित जंक्शन के पश्चिमी छोड़ पर यार्ड के समीप अतिक्रमणकारी कब्जा जमाए हुए हैं। रेल प्रशासन इस संबंध में ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 12:55 PM (IST)
Railway Encroachment : यहां रेल पुल के समीप ट्रैक किनारे एक दशक से झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे लोग
Railway Encroachment : यहां रेल पुल के समीप ट्रैक किनारे एक दशक से झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे लोग

समस्तीपुर, [विनय भूषण] ।Railway Encroachment : रेलवे की संपत्ति का अतिक्रमण रोकने में आरपीएफ और पूरा तंत्र पूरी तरह से निष्क्रिय बना हुआ है। तभी तो समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित जंक्शन के पश्चिमी छोड़ पर यार्ड के समीप अतिक्रमणकारी कब्जा जमाए हुए हंै। लेकिन इनपर कार्रवाई करना तो दूर आरपीएफ इसे खाली कराना भी मुनासिब नहीं समझ रहा है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह पूरा सिस्टम ही निष्क्रिय बना हुआ है। स्थानीय रेलवे जंक्शन से सटे समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के पुल के नीचे 10 वर्षों से अतिक्रमणकारी झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। लेकिन इन पर आजतक एक बार भी कार्रवाई नहीं हो सकी है।

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अतिक्रमण हटाने की योजना फेल

रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की योजना पूरी तरह से फेल है। इससे अवैध रूप से यहां रहने वाले लोग धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। कोई कार्रवाई न होने से उनका मनोबल बढ़ा है। शहर के काली पीठ मंदिर और रेल पुल के बीच खाली पड़े जमीन पर वर्षों से लोग झुग्गी-झोपड़ी बनाकर गुजर-बसर कर रहे हैं। ट्रेनों में घटनाएं बढ़ने पर बीच-बीच में ट्रैक के किनारे से अतिक्रमण हटाया जाता है, लेकिन सुबह में हटाया गया अतिक्रमण शाम होते ही दोबारा हो जाता है। इसके बाद एक भी अधिकारी झांकने तक नहीं आते हैं। 15 मीटर के सुरक्षा दायरे और ट्रैक किनारे अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गई, लेकिन उसका परिणाम कुछ नहीं निकला।

ईमानदारीपूर्वक ड्यूटी का पढ़ाया गया पाठ भी बेकार

आरपीएफ के आलाधिकारी ही अपने जवानों को ऊंचे मनोबल के साथ ड्यूटी करने की नसीहत जरूर देते है। कहते है कि रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के साथ यात्रियों की सहायता करना ही आरपीएफ की पहचान है। हर जवान को पूरी निष्ठा के साथ कर्तव्य पालन करने की आवश्यकता है। यात्री आरपीएफ के जवानों को देख कर सुरक्षित महसूस करें, यही आरपीएफ की पहचान होनी चाहिए। लेकिन, अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। ट्रेनों में यात्रा के दौरान जवानों को यात्रियों के साथ विनम्र व्यवहार करते हुए उनकी समस्या को विनम्रतापूर्वक सुलझाने को कहते है। बल के जवानों को ईमानदारी पूर्वक ड्यूटी करने, किसी तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त न होने, ड्यूटी के प्रति सतर्क रहने, यात्री सामानों की चोरी को रोकने, महिला एवं वृद्ध यात्रियों की सहायता का निर्देश दिया जाता है। कहा जाता है कि ड्यूटी में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लेकिन यह सब बेकार साबित हो रहा है। 


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