उत्तर बिहार में बारिश से लोग बेहाल, नदियां उफान पर, लोग दहशत में
पहाड़ी नदी लालबकेया सद्भावंका और मसान में उफान से बाढ़ का खतरा बढऩे लगा है। गंडक बराज से एक लाख 39 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मोतिहारी शहर में बारिश ने सिस्टम की पोल खोल दी है।
जाटी, मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार में झमाझम बारिश हुई। इससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। घरों से लेकर सड़कों तक जलजमाव से परेशानी बढ़ गई। सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों, नगर निगम, पावर स्टेशन और शिक्षण संस्थानों में भी बारिश का पानी भर गया है। नदियां भी उफान पर रहीं। गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी, कमला, कमला बलान लबालब भरी है। पश्चिम चंपारण में गंडक का कटाव तेज हो गया है। पहाड़ी नदी लालबकेया, सद्भावंका और मसान में उफान से बाढ़ का खतरा बढऩे लगा है। गंडक बराज से एक लाख 39 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मोतिहारी शहर में बारिश ने सिस्टम की पोल खोल दी है।
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड क्षेत्र में वाया नदी के जलस्तर वृद्धि से बिनगामा, मोहनपुर, सरारी, दशहरा के सरेह में पानी फैल गया है। यहां नाव का परिचालन शुरू हो गया है। मोहनपुर में गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। दोपहर तक 30 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। गंगा पार दियारा की हरदासपुर, सरसावा, विशनपुर बेरी, डुमरी दक्षिणी और बघड़ा पंचायतों के निचले खेतों में पानी फैलने लगा है। सरारी में गंगा का जलस्तर 46.40 सेमी पर पहुंच गया है। जो खतरे के निशान से 90 सेंमी ऊपर है। बारिश से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिले में भी लोग बेहाल रहे।
बाढ़ से बचाव का प्रशिक्षण
मुशहरी (मुजफ्फरपुर) : प्रखंड की मनिका हरिकेश पंचायत के सामुदायिक केंद्र पर बाढ़ पूर्व तैयारी विषय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जीविका के सदस्य, आशा, आंगनबाड़ी सेविका और युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। बाढ़ के दौरान क्या करें और क्या न करें तथा स्थानीय संसाधन का बेहतर इस्तेमाल कैसे करें। इस दौरान प्रभात कुमार, रविरंजन प्रसाद, सोनम, अवधेश, कंचन तथा सुमन उपस्थित थे। आयोजन आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम (भारत) और यूनीसेफ के सहयोग से किया गया।