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शौचालय बनाने वाले 30 प्रतिशत लाभुकों को मिली राशि, एक माह में शेष लोगों का हो जाएगा भुगतान

जिओ टैगिंग हो चुके शौचालय के लाभुकों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए बनी कमेटी, जिले में पांच लाख सात हजार 405 शौचालयों का निर्माण किया गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 02:34 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 02:34 PM (IST)
शौचालय बनाने वाले 30 प्रतिशत लाभुकों को मिली राशि, एक माह में शेष लोगों का हो जाएगा भुगतान

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में शौचालय बनाने वाले 30 प्रतिशत लोगों को ही राशि का भुगतान किया गया है। शेष के भुगतान की प्रक्रिया जारी है। एमआइएस पर जिले को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित किया जा चुका है। मगर, सभी की जिओ टैगिंग नहीं हो सकी है। क्योंकि इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। शौचालय निर्माण करने वाले सभी लाभुकों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह ने अलग-अलग पांच कमेटी गठित की है।

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   जारी आदेश में डीडीसी ने कहा कि जिले में पांच लाख सात हजार 405 शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसमें से 51.22 फीसद शौचालयों की जिओ टैगिंग की जा चुकी है। मगर, 15 हजार 370 (30 फीसद) लाभुकों को ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है। शेष लाभुकों को एक माह में प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाना है। इसे देखते हुए कमेटी का गठन किया गया है।

किस कमेटी के जिम्मे कौन सा प्रखंड

बंदरा, मुरौल व बोचहां के लिए जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक, साहेबगंज, पारू व गायघाट के लिए जिला जल व स्वच्छता समिति के जिला समन्वयक रंजीत कुमार साह, सरैया, मोतीपुर व मुशहरी के लिए हरिदयाल सिंह जिला सलाहकार (सीबी एंड आइईसी), कांटी, सकरा व मीनापुर के लिए विनय कुमार जिला सलाहकार (एसएलडब्ल्यूएम), कुढऩी व औराई के लिए अभिषेक कुमार जिला स्वच्छ भारत प्रेरक है।

लोहिया स्वच्छता मिशन का सपना अधूरा

लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत सरकार की महत्वपूर्ण योजना घर-घर शौचालय निर्माण का सपना आज भी अधूरा है। अधिकतर लोगों को ओडीएफ का मतलब ही पता नहीं है और न ही उन्हें चौपाल के माध्यम से इसकी महत्ता बताई गई है। प्रोत्साहन राशि के भुगतान में देरी व गड़बड़ी से 40 फीसद शौचालय का निर्माण अधूरा है। कहीं छत नहीं तो कहीं लिंटर पर ही काम रुक गया।

   यह हाल है सरफुददीनपुर पंचायत का है जिसे एक वर्ष पूर्व 29 मार्च 2018 को ओडीएफ घोषित किया गया। इस दौरान पंचायत में 19 सौ शौचालय निर्माण का दावा किया गया जो हकीकत में खानापूरी जैसी है। पंचायत में 14 वार्ड हैं। वार्ड नं. चार के वार्ड सदस्य के अनुसार महज 50 फीसद शौचालय का निर्माण कराया गया है।

मुखिया शंभू चौधरी ने बताया कि स्वयंसेवी संस्था से जो कार्य कराया गया, उन वार्ड में शौचालय निर्माण अधूरा है।

   शौचालय निर्माण की राशि से पंचायत के 8 सौ लोग वंचित हैं। जो पैसा देता है उसे ही जीविका द्वारा भुगतान किया जाता है। पैसे नहीं देने वाले का भुगतान लंबित रखा जाता है। जीविका के कारण समस्या बनी हुई है।

बीडीओ नीलकमल ने बताया कि भुगतान जीविका को करना है। जिन लोगों ने शौचालय निर्माण नहीं किए है, वे करेंगे तो उन्हें सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 


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