फर्जी वोटर कार्ड, आधार व पैन पर करोड़ों का भुगतान
केंद्रीय विवि व भारत-नेपाल सीमा पथ परियोजना में फर्जी एलपीसी पर 4.56 करोड़ 48 हजार का भुगतान।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। जिले में केंद्रीय परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में फर्जी तरीके से करोड़ों का भुगतान हुआ है। इसमें फर्जी आदमी के नाम पर मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार करने की बात सामने आई है। अबतक करीब 4.56 करोड़ 48 हजार की निकासी में फर्जी एलपीसी (लैंड पजेशन सर्टिफिकेट) की बात सामने आ चुकी है।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद 90 डिसमिल जमीन के बदले जिस सुकदेव साह को तीन करोड़ पांच लाख 28 हजार का भुगतान हुआ, उसमें प्रयोग किए गए आधार कार्ड का नंबर 854014506133 है। जबकि वास्तविक सुकदेव साह जिनकी जमीन है, उनके आधार का नंबर 578382516650 है। इसी तरह भारत-नेपाल सीमा पथ परियोजना में रक्सौल के नोनेया डीह निवासी जिस प्रमोद मिश्र के नाम पर एक करोड़ 51 लाख 20 हजार का भुगतान हुआ, उसके आधार का नंबर 625276879120 है। जबकि वास्तविक प्रमोद मिश्रा के आधार कार्ड का नंबर 535035894329 है।
तीन सदस्यीय टीम कर रही जांच
अपर समाहर्ता कुमार मंगलम के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने पाया है कि बड़ी चालाकी से भुगतान के लिए फर्जी आदमी खड़े हुए। उसने बकायदा समान नाम व पते के आधार पर मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाया। इसी के बाद सुकदेव साह के नाम पर मोतिहारी अंचल से 37 नंबर का एलपीसी प्राप्त किया। फिर यहीं से सुकदेव के ही नाम पर 74 नंबर का एलपीसी प्राप्त किया। जांच में यह बात साफ हुई कि 37 नंबर का एलपीसी तो अंचल से जारी किया, लेकिन, 74 नंबर का नहीं। रक्सौल के नोनेया डीह निवासी प्रमोद मिश्रा के नाम पर जो एलपीसी हासिल किया गया, वह फर्जी था। वह भी अंचल से जारी नहीं हुआ था।
बिना सरकारी कर्मियों को साथ लिए संभव नहीं
बिना सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से इतने सारे प्रमाणपत्र बनाने से लेकर भुगतान संभव नहीं है। जब मतदाता पहचान पत्र का नंबर वेबसाइट पर डाला जाता है तो समान नाम व पते के साथ वह खुलता है।
मास्टरमाइंड जयकिशन ने दी अहम जानकारी
इस भुगतान में से सर्वाधिक राशि अपने खाते में ट्रांसफर कराने वाला मास्टरमाइंड हरसिद्धि के बड़ा हरपुर निवासी जयकिशन तिवारी है। गिरफ्तारी के बाद चार दिनों की पुलिस पूछताछ में उसने कई अहम जानकारी दी। उसका सत्यापन किया जा रहा है। चार करोड़ 56 लाख 48 हजार की फर्जी निकासी के अलावा तीन अन्य लोगों को हुए भुगतान में से भी जयकिशन ने रुपये ट्रांसफर किए थे। इनकी भी जांच की जा रही है।
अपर समाहर्ता कुमार मंगलम का कहना है कि जांच के दौरान पहचान के तीनों कार्ड भूस्वामी के ही नाम व पते पर तैयार किए गए मिले हैं। मतदाता पहचान पत्र वेबसाइट पर खुल रहा है। लेकिन, उसका नंबर और उसपर लगी तस्वीर वास्तविक व्यक्ति से अलग है। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। इस बारे में पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पूरे प्रकरण में कतिपय सरकारी कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। कई लोगों से पूछताछ की गई है। जांच के दौरान सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।