Gandhi Jayanti 2020: 114 वर्षीय बुजुर्ग से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सुनी महात्मा गांधी के चंपारण प्रवास की गाथा
Gandhi Jayanti 2020 चंपारण सत्याग्रह के दौरान 11 वर्ष के थे रफीक। 1917 में आंदोलन के दौरान चंपारण पहुंचे गांधी के बारे में वर्चुअल संवाद। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल ने शेख रफ़ीक से उस समय और आज की खेती से संबंधित सवालों एवं बदले हालात की जानकारी ली।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। Gandhi Jayanti 2020 : गांधी जयंती के अवसर पर चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी की यादों को संजोए रखने वाले 114 वर्षीय शेख रफीक से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने गांधी जी के चंपारण प्रवास की गाथा सुनी। वृद्ध शेख रफीक की जुबानी मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायाधीश दिनेश सिंह ने भी बापू के संघर्ष की दास्तान सुनी।
वर्चुअल संवाद में वृद्ध ने मुख्य न्यायाधीश को गांधी जी के आगमन से चंपारण के लोगों में बढ़ा उत्साह और किसानों से मिलने की किस्से सुनाए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल ने शेख रफ़ीक से गांधी जी की यादों के साथ साथ उस समय और आज की खेती किसानी से संबंधित सवालों एवं बदले हालात की जानकारी ली। वहीं जस्टिस दिनेश सिंह ने अंग्रेजों और उसके लगान वसूलने की क्रूर तरीकों को भी जाना ।
न्यायाधीश द्वय ने शेख रफ़ीक से उनके लंबी जीवन की कामना करते हुए उनकी दिनचर्या पर भी चर्चा की । शेख रफ़ीक को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की जानकारी ली । शेख रफ़ीक से बात करने के बाद भितिहरवा आश्रम जीवन कौशल विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि शेख रफ़ीक चम्पारण के धरोहर हैं । इनके संस्मरणों को सहेजकर पुस्तक का रूप दिया जाएगा । मौके पर जीवन कौशल ट्रस्ट के सचिव ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष राकेश राव, कस्तूरबा कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य दीपेन्द्र बाजपेयी उपस्थित रहे ।