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गरीबों की सेहत सुधार रहा चलता-फिरता चिकित्सालय West Champaran News

नौ महीने से बगहा एक प्रखंड में मोबाइल अस्पताल का हो रहा संचालन। प्रतिदिन किसी एक गांव में पहुंचती है वैन। दक्ष डॉक्टरों की टीम करती इलाज। एचपीसीएल ने की है शुरुआत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 01:55 PM (IST)
गरीबों की सेहत सुधार रहा चलता-फिरता चिकित्सालय West Champaran News
गरीबों की सेहत सुधार रहा चलता-फिरता चिकित्सालय West Champaran News

पश्चिम चंपारण, [सुनील आनंद]। दक्ष डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम। इनके पास होती हैं आवश्यक दवाएं। यह टीम वैन लेकर जब किसी गांव में पहुंचती है तो मरीजों की भीड़ लग जाती है। बिना शुल्क जांच और इलाज होता है। पिछले नौ महीने से बिहार के बगहा एक प्रखंड में संचालित यह चलता-फिरता चिकित्सालय गरीबों के लिए किसी देवालय से कम नहीं है। इस मोबाइल चिकित्सालय से बगहा अनुमंडल के तीन विधानसभा क्षेत्रों के सुदूर ग्रामीण इलाकों में बसे गरीबों को लाभ मिल रहा है।

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    अक्टूबर 2018 में इस चिकित्सालय की शुरुआत हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने की। कंपनी के सीएसआर क्षेत्रीय इंचार्ज अंशुमन मोहंती के अनुसार बगहा के विधायक और रिटायर्ड आइएएस राघव शरण पांडेय के सुझाव पर बिहार में सबसे पहले बगहा अनुमंडल में इसे चालू किया गया। इस चिकित्सालय में दो दक्ष चिकित्सक, दो पारामेडिकल स्टाफ, एक फार्मासिस्ट और एक चालक की तैनाती है। प्राथमिक उपचार की सभी दवाएं इसमें उपलब्ध रहती हैं।

कहां पहुंचेगी वैन, एक सप्ताह पहले जारी होता रोस्टर

मोबाइल चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार बताते हैं कि वैन प्रतिदिन किसी न किसी गांव में जाती है। वहां के मरीजों की जांच कर आवश्यक दवाएं दी जाती हैं। गंभीर मरीज को अनुमंडल एवं सदर अस्पताल में पहुंचा दिया जाता है। किस गांव में कब पहुंचना है, इसका रोस्टर एक हफ्ते पहले जारी हो जाता है। संबंधित गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से सूचना लोगों तक पहुंचा दी जाती है। अब तक 14 हजार से अधिक गरीब मरीजों का इलाज किया जा चुका है।

झोलाछाप डॉक्टरों के शोषण से बच रहे लोग

बगहा एक प्रखंड के अहिरवलिया गांव निवासी नंदकिशोर प्रसाद का कहना है कि पहले सर्दी-जुकाम एवं अन्य बीमारी होने पर लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराते थे। ऐसे में गलत इलाज होने पर मरीज की हालत बिगड़ जाती थी। लेकिन अब मोबाइल अस्पताल के आने से ऐसी बीमारी का इलाज गांव में ही मुफ्त हो जाता है।

   विधायक राघव शरण पांडेय का कहना है कि सुदूर गांव के गरीबों के लिए यह मोबाइल चिकित्सालय किसी वरदान से कम नहीं है। बगहा एक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एसएन महतो का कहना है कि ऐसी व्यवस्था से गरीबों को लाभ मिल रहा।


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