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Paschim Champaran: बाढ़ में टापू बन गए रामनगर प्रखंड के पांच गांव, नहीं पहुंची मदद

बगहा के रामनगर प्रखंड के उत्तरांचल में स्थित वनवर्ती गांवों में बाढ़ कहर बरपा रही है। इलाके के पांच गांव कनसुघरी नौतनवा डुमरी सिंगाही और बलुआ का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। करीब सात हजार की आबादी घिरी मुख्य सड़क ध्वस्त होने से संपर्क भंग।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 12:12 PM (IST)
Paschim Champaran: बाढ़ में टापू बन गए रामनगर प्रखंड के पांच गांव, नहीं पहुंची मदद
पानी से घिरा कनसुघरी गांव का एक टोला।

बगहा (पचं) [विभोर पांडेय]। बगहा के रामनगर प्रखंड के उत्तरांचल में स्थित वनवर्ती गांवों में बाढ़ कहर बरपा रही है। इलाके के पांच गांव कनसुघरी, नौतनवा, डुमरी, सिंगाही और बलुआ का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। करीब सात हजार लोग फंसे हुए हैं। गांवों की मुख्य सड़कों को सिंगहा नदी ने अपनी जद में ले लिया है। करीब एक सप्ताह से ऐसी स्थिति है। ग्रामीणों की सूचना के बाद भी अबतक किसी अधिकारी या बचाव दल ने जायजा नहीं लिया है। लोग गांव से निकलना चाहते हैं, लेकिन पानी होने से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। हालत यह है कि इधर के लोग पड़ोसी गांवों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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नदी पर पुल नहीं, बाहर निकलना मुश्किल

कनघुसरी निवासी दिनेश राम, सुरेंद्र राम व अमरजीत कुमार बताते हैं कि सिंगहा नदी की तेज धारा में मुख्य सड़क टूट गई है। इससे मुख्यालय समेत अन्य दूसरे गांवों से संपर्क टूट गया है। नदी पर पुल भी नहीं है, जिससे बाहर निकला जाए। किनारे स्थित चार-पांच घर तो डूब गए हैं। स्थानीय मुखिया या किसी अधिकारी के स्तर से कोई राहत नहीं पहुंचाई गई है। किसी अधिकारी ने हाल तक जानने की कोशिश नहीं की है।

दैनिक सामग्री की कीमत दोगुनी से ज्यादा बढ़ी

सखुआनी पंचायत के बलुआ निवासी मुकेश पासवान बताते हैं कि पथरी और कनघुसरी के बीच मुख्य सड़क ध्वस्त हो गई है। कहीं से कोई मदद नहीं है। इस हालत में यदि किसी बीमार को इमरजेंसी की जरूरत पड़ी तो उसे गांव से बाहर लेकर निकलना भी संभव नहीं है। मुख्यालय से आवागमन बंद होने से दैनिक उपयोग की सामग्री के मूल्य में दोगुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। नाव ही आने-जाने का सहारा है।

इस संबंध में रामनगर के सीओ विनोद मिश्रा ने कहा कि बीते एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदियों में उफान है। इससे कई गांव घिर गए हैं। सड़कें ध्वस्त हुई हैं। राजस्व कॢमयों से संबंधित गांवों की रिपोर्ट मांगी गई है। उन्हेंं सहायता पहुंचाई जाएगी।


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