पर्यावरण से जुड़ा है मनुष्य का अस्तित्व
मनुष्य का अस्तित्व पर्यावरण से जुड़ा हुआ है।
मुजफ्फरपुर। मनुष्य का अस्तित्व पर्यावरण से जुड़ा हुआ है। अगर पर्यावरण नष्ट हो गया तो हमारा अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। ये हमारे हाथ में है कि हम अपने पर्यावरण को बचाएं या नष्ट होने दें। ये बातें रविवार को एसोसिएशन ऑफ हेल्पिंग हैंड्स की ओर नवयुवक समिति ट्रस्ट सभागार में आयोजित संगोष्ठी में डॉ.अरुण शाह ने कहीं। वे 'स्वास्थ्य और पर्यावरण' विषय पर बोल रहे थे। कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें प्राकृतिक संसाधनों जैसे पानी, बिजली आदि के विकल्प ढूंढने के साथ-साथ प्रदूषण की समस्या खत्म करने के उपाय करने होंगे। हमें अपने आसपास पर्यावरण को स्वच्छ रखना होगा। हमें अपने घरों के आसपास अधिकाधिक पौधे लगाने होंगे। घर-घर जाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना होगा। गोष्ठी की अध्यक्षता मनोरंजन प्रसाद गुप्ता व संचालन प्रो.श्रीप्रकाश ने किया। इसमें रेडक्रॉस सचिव उदय शंकर प्रसाद सिंह, पर्यावरणविद् सुरेश प्रसाद, एचएल गुप्ता, शैलेन्द्र कुमार, सविता जायसवाल, श्रीराम बंका, अंजनी पाठक, विष्णुकांत झा आदि भी मौजूद रहे।
चलें प्रकृति के अनुकूल
इधर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि की ओर से विश्व ओजोन दिवस पर आमगोला स्थित सुख शांति भवन में आयोजित संगोष्ठी में ओजोन परत के महत्व और इसके क्षरण पर विस्तार से चर्चा की गई। विषय प्रवेश एचएल गुप्ता ने कराया। अध्यक्षता कर रहीं बिहार-झारखंड सेवा केंद्रों की जोनल इंचार्ज राजयोगिनी बीके रानी दीदी ने कहा कि हमें चाहिए कि हम प्रकृति के अनुकूल चलें। अपने कर्मो से इसे शांति दें। पर्यावरणविद् प्रो.डॉ.रामजनम ठाकुर ने कहा कि ओजोन पृथ्वी का सुरक्षा कवच है। बढ़ता प्रदूषण इसके क्षरण के लिए विशेष रूप से जिम्मेवार है। मौके पर डॉ.एचएन भारद्वाज, डॉ.एनकेपी सिंह, डॉ.रामजी प्रसाद, बीके वीरेन्द्र, नित्यानंद राय, बीके पद्मा बहन, ई.उपेन्द्र कुमार, बीके डॉ.फणीशचंद्र फलक आदि ने भी विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन सीनियर सिटीजंस कौंसिल के अध्यक्ष रामनाथ प्रसाद सिंह ने किया।