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मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में आउटडोर सेवा आज बंद, इमरजेंसी व इंडोर मरीजों का होगा इलाज

बिहार के डाक्टर आज अपनी मांगों की अनदेखी के विरोध में सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं। इसकी वजह से आउटडोर सेवा प्रभावित है। हालांकि इरमजेंसी व इनडोर मरीज को सेवा देने के लिए चिकित्सक वहां मौजूद हैं। जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है।

By Jagran NewsEdited By: Ajit kumarPublished: Thu, 06 Oct 2022 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 11:34 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में आउटडोर सेवा आज बंद, इमरजेंसी व इंडोर मरीजों का होगा इलाज
आज आउटडोर सेवा ही बाधित है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बिहार चिकित्सा सेवा संघ की ओर से एक दिन के सांकेतिक हड़ताल का आज आह्वान किया गया है। हड़ताल के तहत केवल आउटडोर सेवा का चिकित्सक बहिष्कार कर रहे हैं। संघ के सचिव डा. ज्योति ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है। इसलिए आज एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल है। हड़ताल के तहत सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यानी सीएचसी तक केवल आउटडोर सेवा नहीं दी जाएगी। इसके अलावा अस्पताल में आने वाले हर मरीज का इमरजेंसी में इलाज होगा। इंडोर मरीजों का भी इलाज पूर्व की तरह किया जाएगा। स्पष्ट कहा कि आज केवल सिर्फ आउटडोर सेवा ही बाधित है।

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11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल

ज्योति ने हड़ताल को सफल बताया है और सरकार से मांग की है कि उनकी मांगें पूरी हो‌। हड़ताल के कारण सदर अस्पताल व अस्पतालों में आने वाले मरीज की इधर-उधर भटक रहे हैं ।इमरजेंसी मरीजों का इलाज भी हो रहा है। बायोमेट्रिक हाजरी के विरोध सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर यह हड़ताल की जा रही है। बताया कि हड़ताल की सूचना स्वास्थ्य विभग के अपर मुख्य सचिव सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन को दे दी गई है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए चिकित्सक वहां उपस्थित हैं। 

सीतामढ़ी में चिकित्सकों की हड़ताल से त्राहिमाम

सीतामढ़ी : राजव्यापी हड़ताल के समर्थन में सीतामढ़ी के डाक्टर भी गुरुवार को हड़ताल पर रहे। भासा (बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संगठन) के आह्वान पर सभी चिकित्सक कामकाज ठप कर हड़ताल पर हैं। जिस कारण स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो गई है। हड़ताल से अनभिज्ञ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को अस्पताल से बिना उपचार कराए वापस लौटना पड़ रहा है। इस हड़ताल से नीम हकीम व झोला छाप चिकित्सकों को फायदा हो सकता है। सीतामढ़ी जिले के 80 डाक्टर हड़ताल पर हैं। जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी व सदर अस्पताल की ओपीडी में कामकाज ठप है। मरीजो की समस्या बढ़ गई है। 17 सूत्री मांगों को लेकर चिकित्सक आंदोलित हैं।


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