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वीटीआर में आपरेशन मानसून आरंभ, गजराज लगा रहे गश्त

15 सितंबर तक के लिए मानसून गश्ती का बना प्लान। 04 हाथियों की अलग - अगल टीम बारिश में लगाएगी गश्त।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 10:57 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 10:57 AM (IST)
वीटीआर में आपरेशन मानसून आरंभ, गजराज लगा रहे गश्त

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। 15 जून की शाम के बाद वीटीआर में बाहरी लोगों का प्रवेश बंद हो गया। इसके साथ ही वन्यजीवों को मानव दखलनदांजी से निजात मिल गई। इस दौरान शिकारियों पर नकेल कसने को लेकर आपरेशन मानसून शुरू कर दिया गया है। डीएफओ के निर्देश पर वनकर्मियों को आपरेशन मानसून की जानकारी दी गई है। वनकर्मियों की अलग - अलग टीम बनाई गई है।

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 साथ ही गजराज से भी मानसून गश्त होगी। गश्त के दौरान जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी सर्तकता बरतने और शिकारियों की गतिविधियों की जानकारी विभाग को देने को लेकर सजग किया जाएगा। सुबह के समय पैदल गश्त की जाएगी। यह गश्त उन जगहों पर विशेष तौर पर होगी। जहां पर शिकारियों के आने की संभावना रहती है। 

हाथी विंग का चीफ बना मणिकंठा

15 जून से 15 सितम्बर तक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बंद रहेगा। इन तीन महीने में मानसून गश्त होगी। हाथियों के जरिये जंगल में गश्ती दल जंगल और जानवरों की सुरक्षा करेंगे। अलग अलग चरण में गश्ती दल जंगल की सीमा पर तैनात रहेंगे। बारिश के दौरान जंगल के रास्ते बंद हो जाते है । इसलिए हाथियों से गश्त की जायेगी। जंगल की सुरक्षा को लेकर मणिकंठा हाथी को ङ्क्षवग का चीफ बनाया गया है। मणिकंठा के नेतृत्व में हाथी गश्ती दल जंगल की सुरक्षा करेंगे।

बारिश के दौरान जंगली रास्तों पर मणिकंठा अपने तीन अन्य हाथियों के साथ गश्त दलों को लेकर जंगल के अंदर जाएगा।

बाघों की होगी विशेष मॉनीटरिंग

वनपाल बी के पाठक ने बताया कि मानसून गश्त में टाइगर मॉनीटङ्क्षरग का विशेष प्लान बनाया गया है। इन दिनों टाइगर मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मानसून गश्ती की तैयारी पूरी हो गई है। वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर वीटीआर प्रशासन ने कमर कस ली है। सभी वन पथों की मरम्मत भी कराई जाएगी। जिससे आवागमन सुचारू रूप से बनी रहे। जिससे वन क्षेत्र में गश्ती में बाधा उत्पन्न न हो। इसका पूरा पूरा ख्याल रखा जाएगा ।

 हालांकि वन क्षेत्र में वनकर्मियों व अधिकारियों की घोर कमी से काफी परेशानी भी उत्पन्न हो रही है। बावजूद इसके शिकारी तस्करों व वन अपराधियों के विरुद्ध अभियान जारी है। शिकारियों की गतिविधि पर नजर रखने के साथ ही ग्रामीणों के सहयोग से भी इन पर नकेल कसी जाएगी।

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