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जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल, बिना इलाज लौटे दो हजार मरीज

एसकेएमसीएच में जूनियर चिकित्सकों ने आपीडी सेवा को ठप कराया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 01:46 AM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 01:46 AM (IST)
जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल, बिना इलाज लौटे दो हजार मरीज

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में जूनियर चिकित्सकों ने आपीडी सेवा को ठप कराया। निबंधन काउंटर पर ताला बंद कराया। इस कारण करीब दो हजार मरीज बिना इलाज लौटे। बरामदे पर मरीज पड़ा रहा, लेकिन देखने वाला कोई नहीं रहा। औराई से इलाज को आए लालमणि देवी ने बताया कि वह पेट दर्द से परेशान है। यहां आने के बाद निबंधन कराने के लिए गई तो काउंटर बंद था। बाहर जूनियर डाक्टर और कालेज के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इस कारण वह इंतजार की, लेकिन काउंटर नहीं खुला और वह यहां से अब वापस निजी अस्पताल की ओर जा रही है। सकरा से आए मोहन कुमार ने कहा कि दो दिनों से वह वापस लौट रहे हैं। बच्चे के बदन में दर्द होता है। दिखाना था लेकिन यहां इलाज नहीं हो रहा है। इसलिए वह बिना इलाज लौट रहे हैं। इस तरह से कई मरीज लौटते रहे। इस बीच इमरजेंसी व इंडोर सेवा बाधित नहीं हुई। केवल ओपीडी बाधित रही। जूनियर चिकित्सकों ने ओपीडी के बाहर आकर प्रदर्शन कर विरोध जताया। जूनियर डाक्टरों के साथ पूरे कालेज के नए छात्र भी आंदोलन पर उतर गए। करीब 400 से ज्यादा छात्रों का हुजूम अचानक ओपीडी खुलने के साथ ही वहां पर उपस्थित हुआ। वह नारेबाजी करने लगे। इस कारण निबंधन बाधित हुआ। ओपीडी में चिकित्सक इलाज नहीं कर पाए। जूनियर डाक्टरों ने बताया कि यह राज्यव्यापी हड़ताल है। हर जगह मेडिकल कालेज में हड़ताल चल रही है। जबतक सरकार उनका स्टाइपेंड नहीं बढ़ाती,आंदोलन जारी रहेगा। अधीक्षक डा.बीएस झा ने बताया कि जूनियर चिकित्सक अपनी छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने को लेकर विरोध पर उतरे। उनका मामला सरकार के स्तर का है। स्थानीय स्तर पर अगर उसका निदान होता तो कर दिया जाता। जूनियर चिकित्सक के मांग से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। वहां से जो आदेश दिया जाएगा उसका पालन होगा।

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आए दिन जता रहे अपना विरोध

जूनियर चिकित्सक अपनी छात्रवृत्ति की राशि को बढ़ाने के लिए आए दिन अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। आउटडोर सेवा को बंद कराकर विरोध जता रहे हैं। जूनियर डाक्टरों का आरोप है कि कोरोना काल में भी सारे जूनियर डाक्टर ने अपने कर्तव्य का पालन किया, लेकिन कोई अलग से इंसेंटिव नहीं मिली। वे लोग मरीजों का सेवा कर है लेकिन उनकी छात्रवृत्ति नहीं बढ़ाई जा रही है। अबतक 15 हजार ही है जिसे कम से कम 37 हजार सरकार को करना चाहिए। सरकार का रुख नहीं बदला तो लगातार सेवा नहीं देंगे, विरोध जारी रहेगा। कोट

जूनियर चिकित्सकों के कारण आउटडोर सेवा बाधित रही, लेकिन इमजरेंसी सेवा दी गई। इमरजेंसी में जो मरीज आए उनका इलाज किया गया। वरीय अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।

डा.बीएस झा

अधीक्षक एसकेएमीसएच।


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