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बैंक खाते में जाएगी पोषाहार की राशि, गड़बड़ी पर लगेगी लगाम

आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार एवं टीएचआर वितरण में गड़बड़ी पर लगाम लगेगी। बच्चों व गर्भवतियों के हिस्से की राशि में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब न पोषाहार मिलेगा और न ही टीएचआर बंटेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 02:14 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 06:09 AM (IST)
बैंक खाते में जाएगी पोषाहार की राशि, गड़बड़ी पर लगेगी लगाम

मुजफ्फरपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार एवं टीएचआर वितरण में गड़बड़ी पर लगाम लगेगी। बच्चों व गर्भवतियों के हिस्से की राशि में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब न पोषाहार मिलेगा और न ही टीएचआर बंटेगा। इसकी राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को खाते में दी जाएगी। प्रति लाभार्थी को 25 दिन के हिसाब से राशि का भुगतान किया जाएगा। छह माह से तीन वर्ष के सामान्य व कुपोषित बच्चों को दो सौ रुपये और अतिकुपोषित बच्चों को तीन सौ रुपये प्रतिमाह की दर से दिए जाएंगे। वहीं, तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों को 135 रुपये और गर्भवती व धात्री को 237.50 रुपये प्रतिमाह की दर से उनके खाते में राशि भेजी जाएगी।

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वर्तमान में ये है व्यवस्था

वर्तमान में पोषाहार का सूखा राशन लाभार्थी को सेविका सहायिका के माध्यम से दिया जा रहा है। आवंटन के बाद सीडीपीओ पोषाहार की राशि की निकासी कर सेविका के खाते में भेजतीं। सेविका उससे सूखा राशन क्रय कर लाभार्थियों के बीच वितरित करतीं। इस व्यवस्था में सेविका, महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ पर गड़बड़ी के आरोप लगते रहते हैं। नई व्यवस्था से पोषाहार व टीएचआर वितरण में लगने वाले आरोप से विभाग के कर्मी व पदाधिकारी मुक्त हो जाएंगे।

ऑनलाइन डीबीटी व सत्यापन में सेविकाओं के इन्कार से पेच

समाज कल्याण विभाग के अनुसार जून से ही पोषाहार व टीएचआर की राशि डीबीटी के माध्यम से लाभुकों के बैंक खाते में भेजने का आदेश दिया गया था। लेकिन, जिले में इसमें समय लगेगा। सेविकाओं के डीबीटी ऑनलाइन करने व सत्यापन कार्य से इन्कार करने से यह स्थिति बनी है। सेविकाओं का कहना है कि वे इस कार्य को नहीं करेंगी। विभाग इसे कार्यालय स्तर से कराए।


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