एईएस से जंग में कारगर शस्त्र साबित होगा पोषण अभियान, दिए गए यह निर्देश... Muzaffarpur News
पोषण अभियान को जन-आंदोलन बनाकर लोगों में जागृति लाने का प्रशासनिक संकल्प। समाज के अंतिम आदमी को दी जा रही जानलेवा रोगों से बचाव की जानकारी।
मुजफ्फरपुर [संजय कुमार उपाध्याय]। जिले में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से जंग में एक शस्त्र पोषण अभियान भी होगा। प्रशासनिक स्तर पर चलाए जा रहे पोषण अभियान के तहत जहां लोगों को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा। वहीं प्रशासनिक स्तर पर यह संकल्प लिया गया कि अभियान के तहत पोषण के साथ-साथ समाज के अंतिम आदमी तक विभिन्न बीमारियों से बचाव की जानकारी पहुंचाई जाए। खास तौर पर एईएस प्रभावित क्षेत्रों में। इसके लिए जिले में जागृति फैलाई जानी है। जिलाधिकारी ने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
बताया गया है कि अबतक के अध्ययन में इस रोग का कारण साफ नहीं हो पाया है। लेकिन, एक बात सामने आई है कि जब भी कोई बच्चा बीमार हो तो उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाना लाभप्रद रहा। इस स्थिति में जागृति जरूरी है। प्रशासन का मानना है कि एक आयोजन में यदि सौ लोग आए और पांच ही समझ सके, तब भी गांव के हर घर में सूचना फैल जाएगी।
राशन कार्ड समेत सभी तरह की समस्याओं का हो रहा अंत
कई बार इस बात को लेकर सवाल होते आए हैं कि राशन कार्ड व अन्य तरह की समस्याएं प्रभावित इलाके में है। इन समस्याओं पर डीएम साफ कहते हैं कि इलाके में 92 फीसद को कार्ड है। शेष को दिया जा रहा। तमाम समस्याओं का अंत हो रहा है। बेहद जरूरी है कि लोग बच्चों के इलाज के प्रति संंजीदा हों। लोगों में जागृति लाई जाए।
नीति आयोग के साइट पर मुजफ्फरपुर का पोषण अभियान
जिले में राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम नीति आयोग को बेहतर लगे हैं। आयोग ने मुजफ्फरपुर में चले अभियान की तस्वीरों को अपने फेसबुक पेज पर साझा करते हुए इसकी प्रशंसा की। फिर राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए वीडियो में भी मुजफ्फरपुर की तस्वीर को शामिल किया गया। डीएम कहते हैं यह सबकुछ जिले की टीम के मेहनत का प्रतिफल है। हमें हर हाल में जिले को निरोग रखना है। कुपोषण भगाना है। यहीं हमारा संकल्प है।
इस बारे में मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पूरे जिले में पोषण अभियान चला लोगों को जागरूक किया गया। यह अभियान सतत जारी है। हमारी कोशिश यह है कि समाज में ऐसी जागृति आए कि इस बार किसी भी बीमारी से बच्चे परेशान नहीं हों।