अब कॉलेज में छात्र पढ़ेंगे रिश्तों का पाठ
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेज व विश्वविद्यालय में नामांकन लेने जा रहे विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम की अनिवार्यता से एक अच्छी पहल की है।
मुजफ्फरपुर । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेज व विश्वविद्यालय में नामांकन लेने जा रहे विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम की अनिवार्यता से एक अच्छी पहल की है। जिससे उन्हें कॉलेज व विश्वविद्यालय में घर जैसा शैक्षणिक माहौल मिलेगा और गुरुकुल का अहसास होगा। ऐसा पहली बार है जब पढ़ाई के साथ मूल्य एवं रिश्ते का पाठ भी पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यूजीसी के अध्यक्ष धीरेंद्र पाल सिंह ने इंडक्शन प्रोग्राम के लिए गाइड जारी किया है। विद्यार्थियों के लिए कैंपस से लंबे और मीठे रिश्ते की नींव को और मजबूत करने पर बल दिया है। यूजीसी का विजन व मोटो से स्पष्ट है कि वह थ्रीडी फार्मूले यानी डिजायर, डेडिकेशन और डिटरमिनेशन के मूलमंत्र को विद्यार्थियों के जीवन में उतारना चाहता है। कैंपस के अंदर विश्वास, सम्मान, स्नेह, ममता, वात्सल्य, कृतज्ञता, श्रद्धा, गौरव और प्रेम जैसे मूल्य छात्रों में उतारे जाएंगे। और इस प्रकार वे अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत करेंगे। कॉलेजों व विश्वविद्यालय को इसी आधार पर पठन-पाठन से जुड़े मापदंड तय कर काम करने को कहा है।
छात्र-छात्राओं के लिए हर रोज की गतिविधियां होंगी तय
दक्ष फैकल्टी मेंबर्स नए छात्रों को करिकुलम की जानकारी देंगे। कॉलेज-विश्वविद्यालय की प्रणाली, नीतियों व मैकेनिजम्स से अवगत कराया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए विभिन्न सेक्टर के टॉप फैकल्टी मेंटर्स आमंत्रित किए जाएंगे। ताकि इंट्रैक्शन द्वारा इनका नजरिया बेहतर और भविष्य उ“वल रहे। इसके लिए भी प्रेरित किया जाएगा कि वे संस्थान की विभिन्नतापूर्ण संस्कृति को समझें और उसे आत्मसात करें। विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों को छात्रों की एक्टिविटी करानी होंगी। प्रोग्राम में छात्रों के लिए योग और एक्सरसाइज को भी जगह दी गई है। इसमें छात्र-छात्राओं के लिए हर रोज गतिविधि तय होंगी। स्थानीय क्षेत्र का भ्रमण कराते हुए उन्हें जागरूक करना होगा। विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोग हर रोज लेक्चरकराए जाएंगे। कोर्स में छात्रों को अनाथालयों में भी ले जाया जाएगा। ताकि न पनपे असहजता का भाव
इंटर के बाद घर से बाहर निकलकर विभिन्न कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों के लिए नया वातावरण थोड़ा असहज होता है। लिहाजा, उन्हें नए वातावरण में ढ़लने और पुराने छात्रों से समन्वय बनाने में परेशानी होती है। इसका असर उनकी पढ़ाई पर भी पड़ता है। लिहाजा, उनको रिलेशन, दोस्ती, परिवार और समाज से जोड़ते हुए उनकी प्रतिभा को बाहर निकालने की कोशिश होगी। सीनेट मेंबर डॉ. मनोज कुमार कहते हैं कि इंडेक्शन प्रोग्राम का असल उद्देश्य नए दाखिला लेने वाले छात्रों के बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता को पूर्ण करना है।