Move to Jagran APP

अब किसानों को उर्वरक के प्रयोग की जानकारी देंगे दुकानदार, जानिए पूरी व्यवस्था

विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को दक्ष करने का काम शुरू कर दिया गया है। ऐसे दुकानदार के पास उर्वरक के प्रयोग विधि की भी जानकारी रहेगी। किसानों द्वारा पूछने पर वे उर्वरकों के प्रयोग से लेकर उनकी मात्रा एवं समय के बारे में भी उन्हें बताएंगे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 01:22 PM (IST)
अब किसानों को उर्वरक के प्रयोग की जानकारी देंगे दुकानदार, जानिए पूरी व्यवस्था
कारोबार से जुडऩे की इच्छा रखने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

समस्तीपुर, जेएनएन। खेतों में उर्वरक प्रयोग की जानकारी के लिए किसानों को अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें यह जानकारी अब वहीं मिल जाएगी जहां से वे उर्वरकों की खरीद करेंगे। इसके लिए विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को दक्ष करने का काम शुरू कर दिया गया है। ऐसे दुकानदार अब न सिर्फ खाद की बिक्री करेंगे बल्कि उनके पास उर्वरक के प्रयोग विधि की भी जानकारी रहेगी। किसानों द्वारा पूछने पर वे उर्वरकों के प्रयोग से लेकर उनकी मात्रा एवं समय के बारे में भी उन्हें बताएंगे। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि दरअसल सरकार ने खेती में धड़ल्ले से हो रहे रासायनिक खादों के प्रयोग पर लगाम लगाने के लिए यह तरीका अपनाया है। इसके लिए उर्वरक विक्रेताओं को सरकार ने प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है।

loksabha election banner

उर्वरक व्यवसायी से जुड़े कारोबाारी होंगे प्रशिक्षित

प्रशिक्षण के तहत पूर्व से उर्वरक के व्यवसाय से जुड़े कारोबारी और कारोबार से जुडऩे की इच्छा रखने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उर्वरक के लिए अनुज्ञप्ति लेने वाले इच्छुक लोगों को एग्रीकल्चर से स्नातक या फिर रसायन विज्ञान से स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य होगा। जहां यह दोनों डिग्री नहीं है तो फिर उन्हें कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेना होगा। वैसे दुकानदार जो पूर्व से ही इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उन्हें भी विभाग द्वारा प्रशिक्षण का हिस्सा बनना होगा। प्रशिक्षण उपरांत दिए गए प्रमाण पत्र दिखाने पर ही अनुज्ञप्ति का नवीकरण संभव हो पाएगा।

समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के तहत मिलना है प्रशिक्षण

अब तक किसानों को उर्वरक प्रयोग की जानकारी के लिए किसान सलाहकार तथा किसान समन्वयकों पर निर्भर रहना पड़ता था जिससे किसानों को समय से जानकारी नहीं मिल पाती थी। जानकारी के अभाव में किसान रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को क्षीण कर रहे थे लेकिन उर्वरक विक्रेताओं को इसका प्रशिक्षण देने के बाद किसानों को अधिक जानकारी मिल पाएगी। फिलहाल विभाग उर्वरक विक्रेताओं को समेकित पोषण तत्व प्रबंधन के तहत प्रशिक्षण दे रहा है। किसी भी किसान के पास इस बात के लिए चिता नहीं रहेगी कि उन्हें अमूक फसल में कौन उर्वरक कितनी मात्रा में देनी है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.