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अब मुजफ्फरपुर से धुलाई के लिए पश्चिम बंगाल व रंगाई के लिए राजस्थान नहीं जाएंगे खादी वस्त्र

बोर्ड के सीईओ अशोक कुमार के नेतृत्व में टीम ने बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ (मातृ संस्था) के अधिकारियों के संग बैठक कर सर्वोदय ग्राम परिसर की ढाई एकड़ जमीन का निरीक्षण किया था। इसके बाद यहां कामन सुविधा केंद्र खोलने की हरी झंडी दी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 01:11 PM (IST)
अब मुजफ्फरपुर से धुलाई के लिए पश्चिम बंगाल व रंगाई के लिए राजस्थान नहीं जाएंगे खादी वस्त्र
ढाई एकड़ जमीन की गई चिह्नित, सूबे के 17 जिलों को मिलेगा लाभ। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। जिले में बनने वाले खादी वस्त्रों को धुलाई के लिए पश्चिम बंगाल और रंगाई-छपाई के लिए राजस्थान भेजने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए कन्हौली स्थित सर्वोदय ग्राम परिसर की ढाई एकड़ जमीन पर कामन सुविधा केंद्र बनेगा। इस पर तकरीबन छह करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रकम की व्यवस्था बिहार खादी ग्रामोद्योग बोर्ड करेगा। अभी जिले में बननेवाले खादी वस्त्रों की धुलाई और रंगाई-छपाई के लिए आधुनिक मशीनें नहीं हैं। सामान्य धुलाई में कपड़ों में चमक नहीं आती है। इस कारण धुलाई के लिए कपड़े पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद और रंगाई-छपाई के लिए राजस्थान के जयपुर भेजा जाता है। जिले में इसके लिए मशीनें लगाने का प्रयास काफी समय से हो रहा था। अगस्त में बिहार खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की टीम यहां दौरे पर आई थी। बोर्ड के सीईओ अशोक कुमार के नेतृत्व में टीम ने बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ (मातृ संस्था) के अधिकारियों के संग बैठक कर सर्वोदय ग्राम परिसर की ढाई एकड़ जमीन का निरीक्षण किया था। इसके बाद यहां कामन सुविधा केंद्र खोलने की हरी झंडी दी। 

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जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के मंत्री वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कामन सुविधा केंद्र से सूबे के 17 जिलों को लाभ मिलेगा। इसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, गोपालगंज, सिवान, वैशाली, समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर और बेगूसराय शामिल हैं।

बचत के साथ होगी कमाई

अभी मुर्शीदाबाद में धुलाई की दर प्रति थान 100 से 125 रुपये है। वहां पर एक पिकअप में ढाई सौ थान कपड़ा भेजा जाता है। उसका भाड़ा 15 हजार से 20 हजार होता है। इसी तरह से रंगाई व छपाई के लिए एक पिकअप पर 25 से 30 हजार तक भाड़ा देकर जयपुर भेजा जाता है। यहां पर सेंटर बनने से भाड़े की बचत होगी तथा क्वालिटी भी बेहतर रहेगी। इसके अलावा सूबे के दूसरे जिलों के खादी वस्त्रों की धुलाई व रंगाई से कमाई भी होगी।

बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष अभय चौधरी ने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के मार्गदर्शन में कामन सुविधा केंद्र खोलने की प्रक्रिया चल रही है। प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलते ही निर्माण शुरू होगा। इस पर करीब छह करोड़ खर्च होंगे। 


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