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अब हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड होगा दर्ज, जिला स्वास्थ्य समिति ने शुरू की तैयारी Muzaffarpur News

30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रक्तचाप डायबिटीज ब्रेन स्ट्रोक कैंसर व हार्ट अटैक को लेकर आशा करेंगी सर्वे एएनएम प्रारंभिक जांच।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 03:47 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 03:47 PM (IST)
अब हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड होगा दर्ज, जिला स्वास्थ्य समिति ने शुरू की तैयारी Muzaffarpur News
अब हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड होगा दर्ज, जिला स्वास्थ्य समिति ने शुरू की तैयारी Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। रक्तचाप, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर और हार्ट अटैक से मौतों की संख्या बढ़ी है। इनमें युवाओं की संख्या अधिक है। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार सजग है। जिला स्वास्थ्य समिति के हाल में आयोजित कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल स्थित नन कम्युनिकेबल डिजीज सेल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार यहां हर रोज 30 डायबिटीज व 50 बीपी के नए मरीज चिह्नित हो रहे हैं। इसके साथ ही विभिन्न तरह के कैंसर के मरीज सामने आ रहे। शुरुआती दौर में पहचान कर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इससे बचने के लिए लाइफ स्टाइल में बदलाव भी जरूरी है। सदर अस्पताल से लेकर सभी पीएचसी में एक अलग एनसीडीसी का काउंसिलिंग सेंटर होगा। यहां इन बीमारियों से बचाव की जानकारी दी जाएगी।

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कार्यशाला में दिया गया प्रशिक्षण 

उन्होंने कहा कि आशा घर-घर जाकर 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का सर्वे करेंगी। एएनएम इस आधार पर उन घरों में जाकर रक्तचाप, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर और हार्ट अटैक की प्रारंभिक जांच करेंगी। हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का रिकॉर्ड टैब में दर्ज किया जाएगा। कार्यशाला में 19 मास्टर ट्रेनर के साथ सभी डाटा ऑपरेटर को सॉफ्टवेयर तथा इंट्री का प्रशिक्षण दिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि बहुत जल्द सभी एएनएम को टैब देकर क्षेत्र में रवाना किया जाएगा। इसके लिए एनसीडीसी दिल्ली व टाटा ट्रस्ट मुंबई संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।

समय पर इलाज तो कम खर्च

 सीएस ने बताया कि इन बीमारियों का यदि समय से इलाज शुरू नहीं होता है तो जान बचने की गुंजाइश कम रहती है। इलाज खर्च भी ज्यादा हो जाता है। इसलिए, सरकार चाहती है कि 30 वर्ष की उम्र पार करने वाले तमाम लोगों की जांच घर-घर जाकर की जाए। केवल ओपीडी के भरोसे नहीं रहना है। प्रशिक्षण मेंं काउंसिलिंग व इन बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों की जांच करने के तरीके बताए गए। ट्रेनर बी शिवा पवन साईं प्रसाद व हुसैन प्रवीण ने तकनीकी जानकारी दी। जिला मूल्यांकन अधिकारी जयशंकर प्रसाद आदि उपस्थित थे। 


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