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मुजफ्पुरपुर में अब टोला स्तर पर तैयार होगा बीमारी का डाटा

एसीएमओ ने बताया कि विलेज मैपिंग में एएनएम को ड्यूटी दी गई है। वह उपस्वास्थ्य केंद्र से जुड़े हुए सभी गांवों में जाकर लोगों से मिलें और उनके बीच सर्वे करें। सर्वे में स्वास्थ्य और बीमारियों से संबंधित जानकारियां हासिल करें। रिपोर्ट और बीमारियों का डाटा तैयार किया जाएगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 07:28 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 07:28 AM (IST)
मुजफ्पुरपुर में अब टोला स्तर पर तैयार होगा बीमारी का डाटा
गांव-गांव में जाकर किया जा रहा सर्वे का काम ।

मुजफ्पुरपुर, जागरण संवाददाता। टोला स्तर पर बीमारी का डाटा संग्रह किया जाएगा। इसका एक बैंक बनेगा। स्वास्थ्य विभाग ने विलेज मैपिंग का काम शुरू किया है। एसीएमओ डा. सुभाष प्रसाद सिंह ने बताया कि आद्री संस्था की तरफ से बीमारी के डाटा संग्रह का यह काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी इसमें सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीमारी की जानकारी सामने आने के बाद महामारी बनने से पहले इसकी निगरानी हो जाएगी। सरकार को यह जानकारी रहेगी कि इस जिले में किस तरह की खास बीमारी है। उसके हिसाब से इलाज का नेटवर्क मजबूत होगा।

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एएनएम का मिलेगा सहयोग

एसीएमओ ने बताया कि विलेज मैपिंग में एएनएम को ड्यूटी दी गयी है कि वह उप स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े हुए सभी गांवों में जाकर लोगों से मिले और उनके बीच सर्वे करे। सर्वे में स्वास्थ्य और बीमारियों से संबंधित जानकारियां हासिल करे। इसके बाद इसकी रिपोर्ट और बीमारियों का डेटा तैयार किया जायेगा। इस डेटा को राज्य के आइडीएसपी कार्यालय और संबंधित उप स्वास्थ्य केंद्र और जिला सिविल सर्जन कार्यालय भेजा जायेगा। सभी डेटा को ऑनलाइन किया जायेगा। इससे एक क्लिक में पता चल सकेगा कि किस गांव में कौन सी समस्या है। वहां टीकाकरण हुआ है या नहीं। किशोरियों और गर्भवतियों में हेमोग्लोबिन का क्या स्तर है। इस काम में एएनएम के साथ आंगनबाड़ी सेविका भी मदद कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 60 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हो चुका है। सर्वे पूरा होते ही रिपोर्ट तैयार कर ली जायेगी। उसके बाद विभाग उसके आधार पर इलाज की योजना बनायेगा। इससे आने वाले दिनों में बहुत ही सहुलियत मिलेगी। 

कई शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच नहीं होने से उच्चाधिकारी नाराज

जासं, मुजफ्फरपुर : वर्ष 2019-20 में राज्य के प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु प्रमाण पत्र सत्यापन का आदेश 31 अक्टूबर तक दिया गया था। लेकिन निर्धारित अवधि में कई शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच नहीं हो सके। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेन्द्र प्रसाद ङ्क्षसह ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने मुजफ्फरपुर सहित अन्य सभी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पत्र लिखा है। कहा कि प्रमाणपत्रों का सत्यापन 12 नवंबर तक हर हाल में पूरा करे लें। सभी प्रमाण-पत्रों का सत्यापन नहीं होने पर स्पष्ट कारण बताना हो


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