सिक्के अब स्वीकार नहीं, लेने से हो रहा इन्कार
ये क्या दे रहे, इसे अपने पास रखिए। कहीं कोई नहीं लेता एक रुपया का सिक्का, हम लेकर क्या करेंगे? बाजार में सिक्कों की यही स्थिति है। इसके साथ अछूत की तरह व्यवहार हो रहा। गांव में स्थिति सबसे खराब है।
मुजफ्फरपुर । ये क्या दे रहे, इसे अपने पास रखिए। कहीं कोई नहीं लेता एक रुपया का सिक्का, हम लेकर क्या करेंगे? बाजार में सिक्कों की यही स्थिति है। इसके साथ अछूत की तरह व्यवहार हो रहा। गांव में स्थिति सबसे खराब है। इसे देखकर ऐसा व्यवहार कर रहे, जैसे यह भारतीय मुद्रा नहीं है। दुकानदारों का कहना है कि बाजार में इसे लेने से इन्कार किया जा रहा है। बैंक भी नहीं लेना चाहता। ऐसे में हम लेकर क्या करेंगे?
नहीं हो रहा समस्या का निदान
सिक्के को लेकर बाजार की स्थिति से प्रशासन अवगत है। पुलिस तक भी मौखिक शिकायत पहुंच रही। बैंक अधिकारी भी इससे अंजान नहीं। इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हो सका। सिक्का नहीं लेनेवालों के खिलाफ अभियान नहीं चल सका। प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। अधिकारियों की चुप्पी ने सिक्के को लेकर बनी पीड़ा को बढ़ा दिया है। बैंकों द्वारा भी लोगों को जागरूक करने व इसे जमा करने में दिलचस्पी नहीं ली जा रही। आरबीआइ के आदेश लागू नहीं
होने से बढ़ती जा रही पीड़ा
सिक्के को लेकर बनी पीड़ा को दूर करने के लिए आरबीआइ ने सभी बैंकों को हर दिन ग्राहकों से कम से कम एक हजार रुपये का सिक्का लेने का आदेश दिया था। अधिकतर बैंकों में इस आदेश को नजरअंदाज किया जा रहा। इसके पीछे उनका तर्क है कि एक तो हमारे पास रखने की जगह नहीं, दूसरी कर्मियों की कमी। एक व 10 के सिक्के वैध
बाजार में एक व 10 के सिक्के वैध हैं। आरबीआइ इस संबंध में कई बार निर्देश जारी कर लोगों से अपील कर चुका है, मगर इसके बाद भी सिक्के की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा। बता दें कि सिक्का या नोट को अवैध घोषित करने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक को है। सिक्का लेने से इन्कार करनेवाले प्राथमिकी की जद में आ सकते। भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी के तहत कार्रवाई होती है।
एलडीएम, डॉ. एनके सिंह ने कहा कि
सिक्कों को लेकर बनी परेशानी से इन्कार नहीं किया जा सकता। बैंकों के पास काफी संख्या में सिक्के आ गए हैं। ग्राहक इसे लेना नहीं चाहते। सिक्का को लेकर बनी स्थिति की समीक्षा जरूरी है।