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AES in Muzaffarpur: अब बुखार लगने पर बच्चे को अस्पताल पहुंचाएंगी आशा, इन बातों का स्वजन रखे ध्यान

एईएस के रोकथाम को पूरी निगरानी की जा रही है। आशा अपने पोषक इलाके में 10 साल तक के बच्चों पर खास नजर रखेंगी। उसको अगर बुखार या सुस्ती रहेगी तो तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाएगा।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 02:38 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 02:38 PM (IST)
AES in Muzaffarpur: अब बुखार लगने पर बच्चे को अस्पताल पहुंचाएंगी आशा, इन बातों का स्वजन रखे ध्यान
AES in Muzaffarpur: अब बुखार लगने पर बच्चे को अस्पताल पहुंचाएंगी आशा, इन बातों का स्वजन रखे ध्यान

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुजफ्फरपुर में एईएस के हाई रिस्क जोन में रहने वाले बच्चे हर साल इससे मरते हैं। अब तक इसके कारण का पता नहीं चल सका है। इसकी रोकथाम को पूरी निगरानी की जा रही है। आशा अपने पोषक इलाके में 10 साल तक के बच्चों पर खास नजर रखेंगी। उसको अगर बुखार या सुस्ती रहेगी तो तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाएगा। इसके लिए आशा के साथ आंगनबाड़ी सेविका को भी विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। जिला सामुदायिक उत्प्रेरक राजकिरण कुमार ने बताया कि जिले में 4234 आशा है। सभी को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उनको अपने पोषण क्षेत्र में पूरी नजर रखनी है। 

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एंबुलेंस के साथ निजी वाहन सेवा

एईएस पीड़ित मरीज को लाने के लिए एंबुलेंस के साथ हर गांव पर निजी वाहन को चिन्हित किया गया है। इनके नंबर आशा के पास उपलब्ध रहेंगे। सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह ने बताया कि कोशिश है कि एईएस प्रभावित बच्चे ज्यादा से ज्यादा क्योर हों। उनकी मृत्यु दर कम रहे।

गर्मी व नमी बन रहा मुख्य कारण 

इस पर शोध करने वाले एसकेएमसीएच शिशु विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर साहनी कहते हैं कि शोध में बीमारी का मुख्य कारण गर्मी, नमी व कुपोषण सामने आया है। इसका प्रकाशन इंडियन पीडीयेटिक जनरल में हुआ है। गर्मी 36 से 40 डिग्री व नमी 70 से 80 फ़ीसदी के बीच होने पर इसका कहर शुरू होता है। बीमारी के लक्षण तेज बुखार व चमकी आना है इसमें बच्चे बेहोश हो जाते हैं।

इन बातों का स्वजन रखे ध्यान

* कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों के खानपान पर ध्यान दें चार से पांच बार भोजन कराएं 

* बच्चों को सभी टीके अवश्य दिलाएं, खासकर जेई वैक्सीन

* रात में बच्चा भूखा नहीं रहे

* धूप में बच्चों को ना जाने दें,खूब पानी पिलाएं

* बच्चे को तेज बुखार होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में ले जाएं 

* किसी भी ओझा व झोला लेकर गांव में घूमने वाले चिकित्सक के चक्कर में ना पड़ें

बीमारी के यह है लक्षण: चमकी के साथ तेज बुखार, बेहोश होना व मुंह से झाग आना

एईएस मीटर

पीड़ित नए मरीज: 00

अब तक मौत: 05

स्वास्थ्य होकर लौटे: 17

अस्पताल में भर्ती : 00


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