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Bihar: साउथ एक्टर प्रभास, सैफ अली खान समेत 10 को नोटिस, मुजफ्फरपुर में पेश होने का आदेश; जानिए क्या है मामला

साउथ एक्टर प्रभास सैफ अली खान कृति सैनन समेत 10 लोगों को जिला उपभोक्ता आयोग ने नोटिस जारी कर मुजफ्फरपुर में पेश होने का आदेश दिया है। सभी के खिलाफ हिंदू धर्म ग्रंथ को धूमिल करने के लिए भ्रामक विज्ञापन और गलत चित्रण का प्रसारण करने का आरोप है।

By Arun Kumar JhaEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Wed, 29 Mar 2023 12:04 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2023 12:04 PM (IST)
Bihar: साउथ एक्टर प्रभास, सैफ अली खान समेत 10 को नोटिस, मुजफ्फरपुर में पेश होने का आदेश; जानिए क्या है मामला
साउथ एक्टर प्रभास, सैफ अली खान समेत 10 को नोटिस, मुजफ्फरपुर में पेश होने का आदेश; जानिए क्या है मामला

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बाहुबली फिल्म से चर्चित साउथ एक्टर प्रभास, बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान, कृति सैनन समेत 10 लोगों को जिला उपभोक्ता आयोग नोटिस जारी कर मुजफ्फरपुर में पेश होने का आदेश दिया गया है। सभी के खिलाफ हिंदू धर्म ग्रंथ वाल्मीकि रामायण को धूमिल करने के लिए भ्रामक विज्ञापन व गलत चित्रण का प्रसारण करने का आरोप है।

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बता दें कि 16 जून को वाल्मीकि रामायण पर आधारित फिल्म आदिपुरुष सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। पिछले वर्ष अक्टूबर में फिल्म का एक टीजर जारी किया गया था, जिसके खिलाफ मुजफ्फरपुर के सदर थाने के परशुरामपुर फरदोगोला निवासी जगदीश सिंह ने 11 अक्टूबर 2022 को जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की थी। 

उन्होंने फिल्म में भगवान श्रीराम, माता सीता व हनुमान को गलत तरीके से चित्रण करने का आरोप लगाया। इसी मामले में मंगलवार को जिला उपभोक्ता आयोग ने अभिनेता सैफ अली खान सहित 10 लोगों को उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा है। 

नोटिस में अभिनेता प्रभास, देवदत्त गजानन नागे, अभिनेत्री कृति सैनन, निर्देशक ओम राउत, निर्माता कृष्ण कुमार, प्रसाद सुतर, राजेश नायर, टी-सीरीज कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एवं रेट्रोफाइल्स कंपनी के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक को प्रतिपक्षी बनाया है। इन सभी को आयोग के समक्ष दो मई को उपस्थित होना है।

ये है मामला 

जगदीश सिंह के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि आदिपुरुष फिल्म 16 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसका टीजर जारी किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसमें वाल्मीकि रामायण के मूल का गलत चित्रण किया गया है। 

अधिवक्ता ने बताया कि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के विरुद्ध है। इससे आने वाली पीढ़ियों के मस्तिष्क में वाल्मीकि रामायण जैसे महाकाव्य का भ्रामक चित्र उत्पन्न करने का काम किया गया है। यह कार्य कानूनी तौर पर गलत है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को सुनवाई के बाद आयोग ने सभी को उपस्थित होने का नोटिस भेजा है।


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