शहर से निकलने वाले कचरे से तैयार किया जाता खाद, तरीका जानेंगे उत्तर-पूर्वी भारत के प्रतिनिधि
इसमें उत्तर-पूर्वी भारत के 120 नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल होंगे, वे कचरा प्रबंधन केंद्र एवं डोर टू डोर कलेक्शन सिस्टम से भी अवगत होंगे।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर से निकलने वाले कचरे से खाद तैयार किया जाता है। इसकी जानकारी राष्ट्रीय स्तर पर हो चुकी है। तभी तो कचरे से खाद तैयार करने के तौर-तरीका जानने को उत्तर-पूर्वी भारत के प्रतिनिधि शहर में पहुंचने वाले है। इसमें उत्तर-पूर्वी भारत के 120 नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल है जो आठ फरवरी को शहर पहुंचेंगे। वे कचरा प्रबंधन केंद्र एवं डोर टू डोर कलेक्शन सिस्टम से भी अवगत होंगे। इसको लेकर नगर आयुक्त ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
तौर-तरीका जानकर अपने यहां भी करेंगे प्रयोग
उत्तर-पूर्वी भारत के प्रतिनिधि यहां से कचरे से खाद बनाने के तौर-तरीके को सीखने के बाद इसे अपने इलाके में प्रयोग करेंगे। टीम के सदस्य कचरे से खाद बनाने के तरीकों को समझेंगे। जानेंगे और सभी आवश्यक बिंदुओं की जानकारी प्राप्त करेंगे। उत्तर-पूर्वी भारत की टीम के आने को लेकर नगर निगम प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।
महापौर की शिकायत को नगर आयुक्त ने किया खारिज
महापौर सुरेश कुमार ने नगर भवन स्थित कचरा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने नगर आयुक्त संजय दुबे को पत्र लिखकर पिट के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए राशि के अपव्यय की शिकायत की। नगर आयुक्त ने उनकी शिकायत को खारिज करते हुए कहा कि पिट का निर्माण निगम की राशि से नहीं हुआ है, इसलिए राशि के अपव्यय का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि कचरे के कारण पिट में दरार आ गई है, मरम्मत का आदेश संवेदक को दिया जा चुका है।