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समस्‍तीपुर में अधर में लटकी सड़क कायाकल्प योजना, तीन माह पूर्व भेजा गया 44 करोड़ का प्रस्ताव

समस्‍तीपुर जिले के चार विधानसभा क्षेत्र के पांच प्रखंडों को जोड़ती है योजना। जिले के रिंग रोड का बुरा हाल। घटिया सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी को सरकार ने ब्लैक लिस्टेड तो कर दिया लेकिन लोगों की परेशानी को दूर नहीं कर सकी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 03:38 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 03:38 PM (IST)
समस्‍तीपुर में अधर में लटकी सड़क कायाकल्प योजना, तीन माह पूर्व भेजा गया 44 करोड़ का प्रस्ताव
समस्‍तीपुर के उजियारपुर प्रखंड कार्यालय के निकट जर्जर सड़क। फोटो-जागरण

समस्तीपुर, जासं। बिहार की 10 खराब सड़कों में सुमार सरायरंजन- मोरवा- ताजपुर- समस्तीपुर- उजियारपुर 29 किलोमीटर पथ का जीर्णाेद्धार कार्य के लिए तीन माह पूर्व 44 करोड़ का प्रस्ताव केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग को भेजा गया। लेकिन आज तक उसकी स्वीकृति नहीं मिल सकी है। जबकि यह चार विधानसभा क्षेत्र के पांच प्रखंडों के लोगों को जोड़ती है। ग्रामीण कार्य विभाग ने रिंग रोड के जीर्णोद्धार एवं चौड़ीकरण को लेकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 के तहत डीपीआर तैयार कर केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग को मार्च में ही भेज दिया। लेकिन आज तक उसकी स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

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छह-सात सालों से जर्जर स्थिति 

सरायरंजन से मोरवा, ताजपुर, समस्तीपुर होते हुए उजियारपुर और वहां से सीधे सरायरंजन तक जाने वाली रिंग रोड की 29 किलोमीटर सड़क पिछले छह-सात सालों से जर्जर स्थिति में है। इस सड़क की जर्जरता का आलम यह है कि पता ही नहीं चलेगा कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क। राज्य में घटिया सड़क निर्माण कार्य का एक उदाहरण भी यह सड़क है। हालांकि घटिया सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी को सरकार ने ब्लैक लिस्टेड तो कर दिया, लेकिन आमजनों की परेशानी को दूर नहीं कर सकी। यही वजह है कि शायद यह सड़क सूबे की सबसे जर्जर एवं खराब सड़कों में शुमार हो गया है। ग्रामीण कार्य विभाग इस सड़क के निर्माण कार्य का पांच साल पूरा होने का इंतजार करती रही, जिससे इसकी मरम्मत कराई जा सके। लेकिन दो साल बाद भी इसकी मरम्मत नहीं करा सकी।

आरसीडी ने इस सड़क को लेने से कर दिया था इंकार 

जिले की इस महत्वपूर्ण सड़क को ग्रामीण कार्य विभाग पथ निर्माण विभाग को सौंपना चाहती थी। इसको लेकर दो साल तक दोनों विभागों के बीच पत्राचार हुआ। लेकिन अंतिम में पथ निर्माण विभाग ने इस सड़क को लेने से इंकार कर दिया। पथ निर्माण विभाग के द्वारा इंकार किए जाने के बाद इस सड़क के जीर्णोद्धार के लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने स्तर से 44 करोड का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा। इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट में भेजा गया लेकिन कैबिनेट ने यह कहते हुए प्रस्ताव लौटा दिया कि इसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजें।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास प्रस्ताव 

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मार्च महीने में ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 के तहत केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। 29 किलोमीटर लंबी इस सड़क को 5.75 मीटर चौड़ीकरण किया जाना है। जिस पर 44 करोड़ की लागत आएगी। हालांकि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से अब तक इसकी स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

जिले के लिए काफी महत्वपूर्ण है यह सड़क

सरायरंजन- मोरवा- ताजपुर- समस्तीपुर- उजियारपुर पथ जिले के लिए काफी महत्वपूर्ण है। दोनों लोकसभा के साथ-साथ चार विधानसभा क्षेत्र के पांच प्रखंडों से होकर यह सड़क गुजरती है। सड़क इतनी जर्जर है कि इस सड़क पर यात्री वाहनों का नियमित परिचालन नहीं होता है। इस सड़क से जुड़े लोगों को क्या तो निजी वाहन से जिला मुख्यालय या अन्य जगहों पर जाना होता है या फिर पैदल या अन्य साधनों से आवागमन करना पड़ता है। इस सड़क की जर्जरता के कारण राष्ट्रीय उच्च पथ पर ज्यादा आवागमन होता है। जिससे ज्यादा दुर्घटनाएं होती है। इस सड़क के बनने से एनएच पर होन वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

डीएम ने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भेजा था पत्र 

दैनिक जागरण ने 20 दिसंबर 2021 को- काश! उजियारपुर के भी विकास कार्यों का जायजा लेते मुख्यमंत्री शीर्षक से इस सड़क की जर्जरता को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने 28 दिसंबर को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को विशेष अनुरोध पत्र भेजकर इस सड़क को प्राथमिकता के आधार पर जीर्णोद्धार कराने का आग्रह किया था।

कहते हैं अधिकारी 

ग्रामीण कार्य विभाग, दलसिंहसराय के कार्यपालक अभियंता जय किशोर ठाकुर ने बताया कि इसमें कोई दो राय नहीं कि इस सड़क की हालत बेहद खराब है। हम सब भी इस सड़क की हालत देखकर चिंतित हैं। इस सड़क के जीर्णोद्धार एवं चौड़ीकरण के लिए 44 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार कर मार्च महीने में प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास मुख्यालय से भेजा गया है। जिलाधिकारी के द्वारा भी विशेष अनुरोध पत्र विभाग के सचिव को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने की प्रत्याशा की जा रही है।


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