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महाराष्ट्र व एमपी में जमाखोरी से महंगा हुआ प्याज

मुजफ्फरपुर महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में बड़े कारोबारियों एवं किसानों द्वारा प्याज की जमाखोरी की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 01:20 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:31 AM (IST)
महाराष्ट्र व एमपी में जमाखोरी से महंगा हुआ प्याज
महाराष्ट्र व एमपी में जमाखोरी से महंगा हुआ प्याज

मुजफ्फरपुर : महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में बड़े कारोबारियों एवं किसानों द्वारा प्याज की जमाखोरी की गई है। इससे मांग की तुलना में आपूर्ति कम हुई है। इसीलिए जिले में प्याज की कीमतों में उछाल आ गया है। शुक्रवार को अहियापुर बाजार समिति में 4800 से 5000 रुपये प्रति क्िवटल पर प्याज की खरीदारी हुई।

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मांग बढ़ने व महाराष्ट्र में बाढ़ से प्याज महंगा

पिछले एक माह से प्याज की मांग अधिक हो गई थी। वहीं, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के इंदौर में बाढ़ के कारण प्याज की पैदावार कम हुई। सिर्फ इंदौर से ये आ रहा। उधर, बड़े कारोबारियों व किसानों ने जमाखोरी की है। मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से प्याज के दाम में वृद्धि हो गई।

सस्ता होने के लिए करें इंतजार

अहियापुर बाजार समिति के अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि प्याज के सस्ता होने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। नवंबर-दिसंबर तक नई फसल आने के बाद ही यह सस्ता होगा।

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मंडियों में सस्ती, चौराहों पर महंगी

कटही पुल, घिरनी पोखर सब्जी मंडी में आलू प्रति पांच किलो 80 रुपये है। खुदरा आलू सब्जी मंडियों में 16 रुपये किलो है। वहीं, शहर के अन्य चौक-चौराहों पर 20 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।

त्योहार पर कई गुना महंगी होती सब्जियां

त्योहारों पर हरी सब्जियों की कीमतें मंडियों की तुलना में चौक-चौराहों पर दोगुनी से तिगुनी ज्यादा हैं। घिरनी पोखर व कटही पुल पर भिंडी 10 रुपये, परवल 20, झिगुनी 40 किलो व बैंगन 20 रुपये किलो है। वही, पानी टंकी चौक, कलमबाग चौक पर ये 30 से 40 रुपये तक हैं। शुक्रवार को झिगुनी 60 रुपये किलो बिकी।

दाम पर नियंत्रण नहीं

त्योहारों पर सब्जियों से लेकर खाद्य सामग्री तक की मांग अधिक होने पर दाम में उछाल आता है। इस पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। बिहार उपभोक्ता सेवा संघ के सचिव रणजीत कुमार का कहना है कि वे कई बार दुकानों पर मूल्य तालिका टांगने की मांग कर चुके हैं। आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। कोट- सरकार को प्रतिदिन बाजार भाव भेजा जाता है। जहां तक मनमाने दाम पर नियंत्रण का सवाल है। तो सरकार से ऐसा कोई दिशा निर्देश नहीं है।

महमूद आलम

जिला आपूर्ति पदाधिकारी

मुजफ्फरपुर


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