सीतामढ़ी सीट से डॉ. वरुण के इन्कार के बाद पिंटू बनाए गए नए उम्मीदवार
पिता की मौत के बाद हुए उप चुनाव में सीतामढ़ी से भाजपा के टिकट पर बने थे पहली बार विधायक। पहली बार लड़ेंगे लोकसभा चुनाव चुनाव लडऩे के लिए बदली पार्टी।
सीतामढ़ी, जेएनएन। सीतामढ़ी लोकसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुनील कुमार ङ्क्षपटू को जदयू का नया उम्मीदवार बनाया गया है। जदयू के घोषित उम्मीदवार डॉ. वरुण कुमार द्वारा चुनाव लडऩे से इन्कार के बाद उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है। यह पहला मौका है जब ङ्क्षपटू लोकसभा चुनाव लडऩे जा रहे हैं। 16 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार पिंटू ने पार्टी बदली है। उनके दादा किशोरी साह पूर्व में सीतामढ़ी से विधायक रहे। 1995 में पिता हरिशंकर प्रसाद भी सीतामढ़ी से विधायक चुने गए।
लेकिन, साल 2000 के चुनाव में जनता दल के शाहिद अली खान ने भाजपा प्रत्याशी हरि शंकर प्रसाद को 35 मतों के मामूली अंतर से शिकस्त दी। इसके खिलाफ हरि शंकर प्रसाद कोर्ट गए। कोर्ट ने फैसला उनके पक्ष में दिया। लेकिन, विधायक बनने के कुछ माह बाद ही उनका निधन हो गया। इसके बाद रिक्त सीट के लिए साल 2003 में हुए उप चुनाव में पिंटू ने शाहिद अली खान को शिकस्त देकर जीत का सफर शुरू किया।
साल 2005 के फरवरी व अक्टूबर, साल 2010 में पिंटू ने लगातार जीत दर्ज की। लेकिन, साल 2015 में राजद के सुनील कुमार कुशवाहा ने पिंटू को शिकस्त दे दी। 27 नवंबर 2010 को पिंटू को पर्यटन मंत्री बनाया गया था। पिंटू ने वर्ष 2003 से 2015 का विधान सभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा।
राजनीतिक परिवार हैं पिंटू
अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। 58 वर्षीय सुनील कुमार पिंटू मूल रूप से सीतामढ़ी शहर के ओल्ड एक्सचेंज रोड वार्ड 18 निवासी हैं। शहर में एक सिनेमा हॉल भी है। पिंटू कॉमर्स स्नातक हैं। उन्होंने वर्ष 1977 में एसएलके हाईस्कूल से मैट्रिक, वर्ष 1980 में गोयनका कॉलेज से इंटर और वर्ष 1980 में गोयनका कॉलेज से ही स्नातक किया। वर्ष 2015 के विधान सभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार पिंटू की कुल संपत्ति 2015 के चुनाव के दौरान 7 करोड़ 30 लाख 71 हजार 96 रुपये थे। इसके खिलाफ कुल 19 लाख 73 हजार 72 की देनदारी बताई थी। खुद के खिलाफ दो मामले कोर्ट में लंबित थे।
पिंटू को प्रत्याशी बनाने पर जिला जदयू में विरोध
सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सुनील कुमार पिंटू को जदयू द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने से पार्टी में बगावत के स्वर तेज हो गए हैं। जदयू पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष और जिला परिषद उपाध्यक्ष देवेंद्र साह ने शीर्ष नेतृत्व से इस मामले में फिर से विचार करने और शीघ्र फैसला लेने की अपील की है। साथ यह भी कहा कि पार्टी ने अगर सुनील कुमार पिंटू की उम्मीदवारी समाप्त नहीं की तो संगठन में बड़ी टूट होगी। उनके अलावा जदयू के दर्जनभर कद्दावर नेता और हजारों कार्यकर्ता इस्तीफा दे देंगे।
पिंटू को टिकट देना समर्पित कार्यकर्ताओं और निष्ठावान नेताओं की हार है। उन्होंने टिकट वितरण करने वाली कमेटी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया। कहा कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं का अपमान करते हुए पहले गैर राजनीतिक व्यक्ति को टिकट दिया गया। बाद में दूसरे दल के नेता को टिकट दिया गया। पार्टी में एक से बढ़ कर एक दिग्गज थे। लेकिन, टिकट बांटने वालों ने सीएम को गुमराह कर टिकट बेच दिया। इसका जवाब इलाके की जनता देगी।