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मुजफ्फरपुर आई हाॅस्पिटल फिर से खोलने के लिए सीजेएम कोर्ट में जल्द दी जाएगी नई अर्जी

Muzaffarpur news ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण के बाद पुलिस ने हाॅस्पिटल को किया था सील। हास्पिटल खोलने की पूर्व वार्ड पार्षद की अर्जी पर सीजेएम कोर्ट में चल रही सुनवाई। स्पष्ट मंतव्य के साथ सीएस को रिपोर्ट सौंपने का दिया था आदेश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 12:38 PM (IST)
मुजफ्फरपुर आई हाॅस्पिटल फिर से खोलने के लिए सीजेएम कोर्ट में जल्द दी जाएगी नई अर्जी
ऑपरेशन के बाद संक्रमण के कारण 19 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी थी। File photo

मुजफ्फरपुर, जासं। जूरन छपरा स्थित मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को खोलने के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट में नई अर्जी दाखिल की जाएगी। इससे पहले दाखिल अर्जी में कोर्ट ने ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी थी। थानाध्यक्ष ने कोई आपत्ति नहीं होने की रिपोर्ट सौंपी है। इसके बाद कोर्ट ने सिविल सर्जन को स्पष्ट मंतव्य के साथ रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। लगभग दो माह के बाद भी यह रिपोर्ट कोर्ट में नहीं सौंपी गई है। बता दें कि पिछले साल नवंबर में मोतियाबिंद आपरेशन के बाद बड़ी संख्या में मरीजों की आंखों में संक्रमण के मामले के बाद पुलिस ने हास्पिटल को सील कर दिया था।

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पूर्व पार्षद ने कोर्ट में दाखिल कर रखी थी अर्जी

नगर निगम के वार्ड संख्या-13 के पूर्व पार्षद सुरेश कुमार चौधरी ने 18 जनवरी को सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इसमें गरीब मरीजों की कठिनाइयों को देखते हुए हास्पिटल खोलने का आदेश देने की कोर्ट से प्रार्थना की गई थी।

यह है मामला

मोतियाबिंद आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण की शिकायत पर तत्कालीन सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने पिछले साल दो दिसंबर को ब्रह्मपुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें अस्पताल के सहायक प्रबंधक दीपक कुमार, सचिव दिलीप जालान, डा.एनडी साहु, डा.समीक्षा, बबिता कुमारी, बिल्टू कुमार, सरस्वती देवी, विकास कुमार, भावना वर्मा, अनूप कुमार, सौरभ कुमार व उमाशंकर सिंह को आरोपित बनाया गया था। प्राथमिकी में उन्होंने कहा था कि 29 नवंबर 2021 को राममूर्ति सिंह, गोपी देवी व रामजी राय ने शिकायत की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि जूरन छपरा के मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाबिंद का आपरेशन कराने पर उनकी आंखों में संक्रमण हो गया। इन लोगों का 22 से 27 नवंबर के बीच आपरेशन किया गया।

संक्रमण के कारण 19 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी। सिविल सर्जन ने इसकी जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सत्य करार दिया। इसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को सील कर दिया था। पूर्व पार्षद सुरेश कुमार चौधरी के अधिवक्ता विनोद कुमार अग्रवाल ने कहा कि, मंतव्य के साथ सिविल सर्जन की रिपोर्ट नहीं मिलने से कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हो पा रही है। जल्द ही कोर्ट में एक नई अर्जी दाखिल की जाएगी। इसमें सीएस को यह रिपोर्ट जल्द देने को आदेशित करने की कोर्ट से प्रार्थना की जाएगी।सिविल सर्जन डा. यूसी शर्मा ने अपने बयान में कहा कि, कोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा। कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा। 


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