नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद विरोध की आग में जल रहा नेपाल
नेपाल के पर्सा और जनकपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों से चल रहा है विरोध। नेकपा और समाजवादी जनता पार्टी ने विभिन्न जगहों पर किया विरोध।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। नेपाल के विभिन्न जिलों में पिछले तीन दिनों से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है। तराई में मधेशवादी दलों ने संविधान संसोधन को लेकर पर्सा जिला वीरगंज और जनकपुर आदि क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया है। इस आंदोलन में नेकपा व सरकार द्वारा लिए गए मधेश व भारत विरोधी निर्णय के खिलाफ लोग नारेबाजी कर रहे हैं।
विदेशी महिलाओं को सात वर्ष बाद अंगीकृत नागरिकता
बता दें कि नए कानून के बाद किसी विदेशी महिला का विवाह नेपाल के युवक से होने पर उन्हेंं सात वर्ष बाद अंगीकृत नागरिकता मिलेगी। नेकपा और सरकार के इस निर्णय के विरोध में समाजवादी जनता पार्टी नेपाल वीरगंज महानगर कमेटी की ओर से वीरगंज में विरोध प्रर्दशन किया जा रहा है। पार्टी के महानगर कमेटी अध्यक्ष ईश्वर यादव और ओमप्रकाश सर्राफ के नेतृत्व में हुए विरोध प्रर्दशन में नागरिकता विधेयक को खारिज करने, भारत के साथ बेटी-रोटी संबंध बिगाडऩे नहीं देने, केपी ओली मुर्दाबाद के नारे के साथ नगर भ्रमण किया गया। इसके अलावे मधेश विरोधी नागरिकता विधेयक समाप्त करने, महिला अत्याचार बंद करने जैसे विभिन्न नारे लगाए गए।
नेकपा के भीतर भी असंतुष्टि
नेपाली पुरुष से शादी करने वाली विदेशी महिलाओं को नागरिकता देने के लिए सात वर्ष का समय लिए जाने के निर्णय सत्ताधारी दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा) ने किया है। उसके प्रति नेकपा के भीतर भी असंतुष्टि दिखाई दे रही है। तराई-मधेश से प्रतनिधित्व करनेवाले नेकपा नेता प्रभु साह ने खुल कर अपना असंतोष जाहिर किया है। कहा कि अंगीकृत नागरिकता संबंधी नेकपा का निर्णय मधेशी जनता की भावना के विपरीत है। इस पर पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए ।
रोटी-बेटी संबंध में दरार करने वाला निर्णय
उन्होंने कहा है कि उक्त निर्णय के कारण नेपाल-भारत के बीच में रहे परंपरागत रोटी-बेटी संबंध में दरार पैदा करेगी। मधेश में अविश्वास के वातावरण का निर्माण होगा। कहा कि विलंब से नागरिकता दिए जाने पर राष्ट्रीयता भी कमजोर पड़ सकती है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह कानून शादी विवाह के रिश्ते को रोकने के लिए बनाया गया है। जिसको लेकर लोगों में आक्रोश है।