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बैंक में न तो ग्राहकों की सुरक्षा और न ही उनकी लूटी गई राशि की जिम्मेदारी, मुजफ्फरपुर की घटना के बाद चर्चा तेज

सुरक्षा व्यवस्था नजरअंदाज सायरन बजाने तक ही अलार्म की उपयोगिता। निरीक्षण के नाम पर थाना भी करता औपचारिकता संदिग्ध से नहीं होती पूछताछ। स्थानीय प्रशासन के साथ पुलिस की बैठक के बाद भी इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की जा सकी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 10:16 AM (IST)
बैंक में न तो ग्राहकों की सुरक्षा और न ही उनकी लूटी गई राशि की जिम्मेदारी, मुजफ्फरपुर की घटना के बाद चर्चा तेज
सीसी कैमरे के भरोसे बैंकों की सुरक्षा है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बैंकों की सुरक्षा को प्रबंधन नजरअंदाज करता रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बदले औपचारिकता हो रही हैं। सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के थाने की भी है, लेकिन खानापूरी ही की जा रही है। आरबीआइ के निर्देश के अनुसार संबंधित थाने को हर दिन बैंकों का निरीक्षण करना है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के साथ ही संदिग्ध से पूछताछ करनी है। स्थिति यह है कि पुलिस रजिस्टर पर अपनी इंट्री करने तक सिमटी है।

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बैंकों द्वारा भले ही सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हों, लेकिन वास्तविकता में प्रबंधन को ग्राहकों की सुरक्षा की चिंता है और न उनकी राशि की। कहीं एक लाठी वाले गार्ड के भरोसे सुरक्षा है तो कहीं वह भी नहीं। सुरक्षा को लेकर अलार्म का दावा तो किया जाता है, लेकिन यह मात्र सायरन बजने तक सीमित है। अलार्म न तो संबंधित थाने से कनेक्ट है न पुलिस के वरीय अधिकारियों के कार्यालय से। सीसी कैमरे के भरोसे बैंकों की सुरक्षा है। वहीं, बैंकों के अंदर लूट के शिकार ग्राहकों व लूटी गई राशि की भी जिम्मेदारी बैंक नहीं लेता है। ऐसे में ग्राहकों के धन के साथ ही जान पर भी खतरा है। बैंक काउंटर में जमा राशि की ही गारंटी लेता है।

भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत कुमार झा ने कहा कि बैंकों की सुरक्षा को लेकर आरबीआइ के निर्दशों का सभी बैंक पालन करते हैं। सुरक्षा के लिए गार्ड की तैनाती की जाती है। जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए जाते हैं। अलर्ट करने के लिए अलार्म भी लगाए जाते हैं। बैंक आफ इंडिया अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अच्यूतानंद ने कहा कि बैंक लूट की घटना को रोकने के लिए अपने स्तर से हर प्रयास रहती है। जंजीर लगाकर मुख्य द्वार से एक बार में एक ही व्यक्ति को प्रवेश व निकासी कराई जाती है।

आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि बैंक उन रुपये की गारंटी नहीं लेती जो ग्राहक के पास से लूटे गए हों। बैंक काउंटर में जमा राशि का इंश्योरेंस होता है। आल इंडिया बैंक आफिसर कंफेडरेशन के प्रदेश सचिव विशाल सिन्हा ने कहा कि बैंकों की सुरक्षा के लिए सरकार को भी पुलिस की व्यवस्था करनी है। जिला एवं राज्य स्तर पर बैंकों के साथ बैठक में सुरक्षा को लेकर हमेशा मुद्दा उठता रहता है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। 


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